नोटबंदी का लक्ष्य सिर्फ नोट बैन करना नहीं थी बल्कि इसे औपचारिक अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए सरकार ने यह फैसला किया था. नोटबंदी की दूसरी सालगिरह पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस फैसले का बचाव करते हुए यह बात कही. बता दें कि आज ही के दिन 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी की घोषणा की थी, जिसमें 500 और 1 हजार के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था.
अरुण जेटली ने अपने फेसबुक ब्लॉग में लिखा, ‘आज हमने नोटबंदी के दो साल पूरे कर लिए हैं. ये सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की श्रृंखला की एक बड़ी कड़ी है, जिसका अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने में बड़ा प्रभाव पड़ा है.
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वित्त मंत्री ने नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों की गिनती के बाद कहा, ‘अब टैक्स सिस्टम में बचना मुश्किल हो गया है.’ उन्होंने कहा कि नोटबंदी के विश्लेषण में एक सूचना है कि सभी पुराने नोट बैंकों में जमा हो गए हैं, लेकिन कैश जब्त करना नोटबंदी का उद्देश्य नहीं था. बल्कि इसे औपचारिक अर्थव्यवस्था में इसको प्राप्त करना और धारकों को कर चुकाना इसका व्यापक उद्देश्य था.
Demonetisation is a key step in a chain of important decisions taken by govt to formalise the economy. Govt first targeted the black money outside India. Asset holders were asked to bring this money back on payment of penal tax: FM on two years of #Demonetisation (file pic) (1/2) pic.twitter.com/boYhcLPxRy
— ANI (@ANI) November 8, 2018
8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी की घोषणा की थी, जिसके बाद 500 और 1 हजार के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था. नोटबंदी के फैसले पर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए थे और बीजेपी पर नोटबंदी के बहाने कालेधन को सफेद करने के आरोप भी लगाए थे. आज 8 नवंबर के दिन नोटबंदी को 2 साल पूरे हो गए हैं, जिसके लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक ट्वीट कर इस फैसले का बचाव किया है.
Source : News Nation Bureau