सरकार ने पूर्व RBI गवर्नर उर्जित पटेल से इस्तीफा नहीं मांगा था. एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को यह बात कही. अरुण जेटली ने कहा, सरकार को RBI के कैपिटल रिजर्व (पूंजी भंडार) से एक रुपये की भी जरूरत नहीं है. वित्त मंत्री बोले, कुछ समय से सरकार और RBI के बीच मतभेद थे. RBI बोर्ड की बैठक में इस पर चर्चा भी हुई थी कि सेंट्रल बैंक के पास कितना कैपिटल रिजर्व होना चाहिए, लेकिन सरकार ने कभी भी उनका इस्तीफा नहीं मांगा. बता दें कि सरकार ने उर्जित पटेल की जगह पूर्व ब्यूरोक्रेट शक्तिकांत दास को RBI का नया गवर्नर बनाया है.
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अरुण जेटली ने इस बात पर सवाल उठाया कि रिजर्व बैंक के कामकाज के तरीके पर चर्चा करने मात्र से ही संस्थान को ‘नष्ट’ करना बताया जा रहा है. उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी समेत पूर्व सरकारों के ऐेसे उदाहरण दिये, जिसमें आरबीआई के तत्कालीन गवर्नरों को इस्तीफा देने तक को कहा गया. जेटली ने कहा कि आरबीआई के साथ अर्थव्यवस्था में कर्ज प्रवाह तथा नकदी समर्थन समेत कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद है और सरकार ने अपनी चिंता बताने के लिये बातचीत शुरू की थी.
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल (Urjit Patel) ने सोमवार को 'निजी कारणों' का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया (urjit patel resigns) था, जिससे देश के राजनीतिक-आर्थिक परिदृश्य में एक बड़े संकट की आशंका पैदा हो गई है. पटेल (Urjit Patel) ने इस्तीफा ऐसे समय दिया है जब सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच अर्थव्यवस्था में नकदी (liquidity) और ऋण (credit) की कमी को लेकर खींचातान चल रही थी, जिसके परिप्रेक्ष्य में 19 नवंबर को आरबीआई (RBI) (RBI) बोर्ड की एक असाधारण बैठक भी हुई थी.
Source : News Nation Bureau