पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को यहां एम्स में निधन हो गया. वह 66 वर्ष के थे. अरुण जेटली को सांस में तकलीफ के चलते 9 अगस्त को एम्स में भर्ती करवाया गया था. उन्हें देखने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावा बीजेपी के कई दिग्गज नेता एम्स पहुंचे थे.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली बीजेपी के वो मजबूत कड़ी थे जिनके जाने से पार्टी को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. उन्हें हर राजनीतिक विषय पर अपने स्पष्ट विचारों एवं वाकपटुता के लिए जाना जाता था. चलिए हम बताते हैं अरुण जेटली के 8 ऐसे रोचक तथ्यों के बारे में जिसे आप जानना चाहेंगे-
1. अरुण जेटली 1977 में अदालत में जिरह करने उतरे. यानी बतौर वकील उन्होंने अपना करियर शुरू किया. अरुण जेटली कोका कोला कंपनी और पेप्सिको इंक जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के केस लड़ें. जून 1998 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया था जहां दवाओं और धन शोधन से संबंधित कानून की घोषणा का अनुमोदन किया गया था. इसके साथ ही जेटली ने कानूनी और समसामयिक मामलों पर किताबें लिखीं.
2.अरुण जेटली आपातकाल के दौरान जेल गए थे. इसके बाद वो जनसंघ में शामिल हो गए. इसके बाद से उनका कभी ना रुकने वाला राजनीतिक सफर शुरू हुआ.
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3.1989 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की तत्कालीन सरकार ने अरूण जेटली को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया था. उन्होंने बोफोर्स घोटाले में जांच के लिए कागजी कार्रवाई की थी.
4. अटल बिहार वाजपेयी की सरकार में जेटली को कानून एवं न्याय, सूचना एवं प्रसारण तथा विनिवेश मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया था. जेटली, अटल बिहारी वाजपेयी के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक थे. अटल जी जेटली पर बहुत भरोसा करते थे.
5. अरुण जेटली को क्रिकेट से भी बहुत प्यार था. जेटली बीसीसीआई के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं? उन्होंने 2014 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
6. अरुण जेटली अपने जीवन में सिर्फ एक बार लोकसभा चुनाव लड़े.साल 2014 में वो अमृतसर सीट से कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरुद्ध चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
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7. जेटली सिद्धांतों के बड़े पक्के इंसान थे. जब 2009 में उन्हें राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया तब वो एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को मानते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था.
8. 2002 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के विजय के योजनाकार अरूण जेटली ही थे. कहा जाता है कि केंद्र की राजनीति में भी नरेंद्र मोदी को लाने का श्रेय अरुण जेटली को ही जाता है.