कांग्रेस की ओर से केंद्र की मोदी सरकार पर राफेल डील को लेकर खोले गए मोर्चे के खिलाफ आज (बुधवार) वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जमकर बरसे। उन्होंने कांग्रेस की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राफेल डील के मुद्दे पर कांग्रेस झूठ फैला रही है। वित्त मंत्री ने इसको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बाकायदा एक ब्लाग भी लिखा और आंकड़े गिनाते हुए राहुल पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
जेटली ने अपने ब्लॉग में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने कीमतों को लेकर जो भी आरोप लगाए हैं, वो तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत हैं।
उन्होंने कहा कि 2007 के राफेल ऑफर को लेकर राहुल गांधी खुद अलग-अलग भाषण के दौरान 7 तरह के दाम बता चुके हैं। वह जिस तरह की बात कर रहे हैं, वह प्राइमरी स्कूल के स्तर की डिबेट है।
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जेटली ने कहा कि राहुल कह रहे हैं कि हम 500 से कुछ ज्यादा दे रहे थे और आप 1600 रुपये से कुछ अधिक दे रहे हैं। इस तरह के तर्कों से पता चलता है कि उनकी समझ कितनी कम है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2007 के मुकाबले 2015 में हुई राफेल डील के दाम के मुकाबले कहीं बेहतर है।
जेटली ने उल्टा राहुल से सवाल करते हुए कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि इस डील को लेकर अनिश्चितकाल तक की देरी क्यों की गई। आखिर यूपीए ने इस डील को कोल्ड स्टोरेज में क्यों डाला?
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता एके एंटनी राफेल डील पर जवाब दें। आखिर क्यों यूपीए सरकार ने दस सालों तक इस डील को लटका कर रखा।
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जेटली ने कहा कि इस तरह से राहुल गांधी की बयानबाजी राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाली है। मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी और कांग्रेस इस पर जवाब देंगे।
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जेटली ने कहा कि 2007 से बेहतर शर्त पर राफेल पर समझौता किया गया। राफेल पर राहुल गांधी की समझ कम है। लोडेड एयरक्राफ्ट का सिंपल एयरक्राफ्ट से तुलना नहीं की जा सकती है। सच्चाई पीड़ित बन गई है। राफेल डील के लिए 2015-16 तक करीब 14 महीने तक प्राइस निगोसिएशन कमिटी और कॉन्ट्रैक्ट कमिटी की कंपनी से मीटिंग हुई।
जेटली ने आरोप लगाया कि बोफोर्स घोटाला कर कांग्रेस ने देश की सुरक्षा से समझौता किया
Source : News Nation Bureau