अरुण जेटली केंद्रीय वित्त मंत्री होने के साथ-साथ राज्यसभा में सदन के नेता भी हैं। जेटली को 2014 में गुजरात से राज्यसभा में भेजा गया था, हालांकि इस बार खबर है कि उनका अगला कार्यकाल उत्तर प्रदेश के कोटे से होने वाला है।
अरुण जेटली का राज्यसभा में कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के बावजूद वह अमृतसर में कैप्टन अमरिंदर सिंह से हार गए थे। उनका अब तक का संसदीय सफर राज्यसभा के रास्ते से ही चला है। कभी वह लोकसभा सांसद नहीं रहे।
जेटली की राज्यसभा सीट का प्रदेश बदलने का कारण गुजरात के विधान सभा चुनावों के नतीजा माना जा रहा हैं।
आज के दौर में गुजरात से 4 राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं यह सभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास है। इन 4 सांसदों में तीन 2012 में चुने गए थे और एक 2016 के उपचुनाव में।
यह चारों राज्यसभा सांसद बीजेपी के बड़े नेता हैं इनमें से तीन अरुण जेटली, पुरुषोत्तम रुपाला, और मनसुख मांडविया हैं। यह तीनों केंद्र में मंत्री हैं जबकि चौथे राज्यसभा सांसद शंकर भाई वेगाद है।
2017 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के विधायकों की संख्या घटकर 99 रह गई है। ऐसे में यह संभव नहीं लग रहा है कि बीजेपी राज्यसभा की चारों सीटें बरकरार रख सके। ऐसे में माना जा रहा है कि इनमें से 2 सीटें कांग्रेस को मिलेगी और दो भारतीय जनता पार्टी को।
कांग्रेस महासचिव और गुजरात के प्रभारी अशोक गहलोत ने कहा, 'गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की नैतिक हार हुई थी लिहाजा भारतीय जनता पार्टी की 2 राज्यसभा की सीटें कम हो रही हैं।'
यही कारण है कि जेटली को यूपी से राज्यसभा भेजा जाएगा और गुजरात की 2 सीटें दोनों केंद्रीय मंत्रियों को दी जाएगी। इसकी वजह यह है कि दोनों मंत्री पटेल समाज के हैं और गुजरात में पिछले कुछ समय से बीजेपी के प्रति पाटीदारों का गुस्सा बढ़ा है।
ऐसे में पार्टी इन नेताओं का टिकट काटकर पटेलों को नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकती है।
पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भारी जीत मिली थी इसका असर राज्यसभा सभा चुनाव पर भी पड़ रहा है।
विधानसभा में बीजेपी के पास जो संख्या बल है उसे देखते हुए यह लग रहा है कि 10 सीटों में से 8 पर भारतीय जनता पार्टी कब्जा जमा सकती है।
एक बहुजन समाज पार्टी के खाते में जाएगी। जिसे लेकर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में बातचीत हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी के अंदर अरुण जेटली को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद बनाने को लेकर सहमति बन सकती है। हालांकि गुजरात के अलावा कुछ और दूसरे राज्य हैं जहां से भाजपा राजसभा दे सकती है लेकिन चर्चा है कि उत्तर प्रदेश से उनके आने की संभावना अधिक है।
अरुण जेटली उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद चुने जाते हैं लोकसभा के अलावा राज्यसभा में भी सदन का नेता उत्तर प्रदेश का होगा। क्योंकि लोकसभा में सदन के नेता उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
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Source : News Nation Bureau