पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अरुण जेटली (Arun Jaitley) पिछले 9 अगस्त से एम्स में भर्ती हैं. अरुण जेटली की हालत बेहद नाजुक है. 66 साल के अरुण जेटली कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं. अरुण जेटली सॉफ्ट टिशू कैंसर से पीड़ित हैं. उनके बाएं पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है. अरुण जेटली इसके इलाज के लिए जनवरी 2019 में अमेरिका भी गए थे.
लंबे समय से बीमार चल रहे हैं जेटली
इसके साथ ही अरुण जेटली को किडनी संबंधी बीमारी से ग्रसित थे. मई 2018 में उनका किडनी प्रत्यारोपण हुआ था. जेटली को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर भी है. अरुण जेटली सितंबर 2014 में डायबिटीज मैनेज के लिए गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी करा चुके है. इसके अलावा वो साल 2005 में हार्ट सर्जरी भी करा चुके है.
सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा (कैंसर) क्या होता
पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी नेता पिछले कई महीनों से सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा जो एक तरह का कैंसर होता है से पीड़ित थे. हमारे शरीर में कई तरह के सॉफ्ट टिशू ट्यूमर होते हैं लेकिन सभी कैंसरस नहीं होते. लेकिन जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती है तो यह कोशिकाओं में ट्यूमर के रूप में विकसित होता है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगता है. यह मुख्यत हड्डी या मांसपेशियों के टिशू में शुरू होता है. यानी यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से में हो सता है, लेकिन इंसान के पैरों और कंधों को ज्यादा प्रभावित करता है. इस कैंसर के होने की कोई उम्र सीमा नहीं होती है. ये किसी भी उम्र में हो सकता है.
इस बीमारी का क्या है इलाज
सर्जरी के जरिए ट्यूमर को निकाला जा सकता है. इसके साथ ही रेडिएशन और कीमोथेरेपी के जरिये भी इसका इलाज संभव है. लेकिन यह तब होता है जब इसका साइज छोटा हो या फिर ये किस जगह पर हुआ है.
बीमारी के लक्षण
इस बीमारी की सबसे बुरी बात यह है कि शुरुआती चरण में इसका लक्षण नजर नहीं आता है. लेकिन जब भी मांपेशियों और नसों में तेज दर्द हो तो इसे लेकर सावधान हो जाना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
-इसके साथ ही शरीर के किसी भी में हिस्से में कोई नई गांठ और इसका बढ़ते रहना इस बीमारी का लक्षण होता है
-पेट में दर्द का होना जो धीरे-धीरे बढ़ रहा हो
-मल और उल्टी में खून का आना भी इसका एक लक्षण है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो