केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सईद से एक चिट्ठी लिखकर राज्य में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर ) लागू करने के लिए आग्रह किया है। दरअसल जेटली ने चिट्ठी में लिखा है कि अगर राज्य में जीएसटी लागू नहीं होगा तो इससे वहां पर जारी व्यापार क्षेत्र में राज्य को बहुत नुकसान हो सकता है।
जेटली ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर एक जुलाई से जीएसटी को लागू नहीं करता है तो इसके कई प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य को दूसरे राज्य से चीजें खरीदने पर महंगी मिलेंगी और राज्य में बनी हुई चीजें दूसरे राज्यों को बेचने पर भी महंगी कीमत पर बेचनी पड़ेगी, जिससे राज्य के घरेलू उद्योगों को नुकसान होगा।
वित्तमंत्री ने ध्यान दिलाया कि ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि जीएसटी गंतव्य पर आधारित कर प्रणाली है, इसलिए कीमतों में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राज्यीय वस्तुओं और सेवाओं पर एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) लगाया जाएगा।
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जीएसटी के तहत कोई डीलर अगर कोई सामान या सेवा किसी अन्य राज्य से खरीदता है तो उसे आईजीएसटी चुकाना होगा, लेकिन अपने राज्य में उसे इस चुकाए गए कर पर छूट मिलेगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि अगर राज्य एक जुलाई से जीएसटी लागू नहीं करता है तो राज्य के सभी बिक्रेता, जिन्होंने अन्य राज्य से वस्तु या सेवाओं की खरीद की है, उन्हें वहां चुकाए गए कर का क्रेडिट नहीं मिलेगा, जिससे खरीदी गई वस्तु या सेवा के दाम बढ़ जाएंगे।
इसी प्रकार से अगर राज्य का कोई बिक्रेता दूसरे राज्य में अपना सामान या सेवा बेचता है तो उसे उस पर अपने राज्य में चुकाए गए कर का क्रेडिट नहीं मिलेगा, जिससे वह महंगी हो जाएगी।
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Source : News Nation Bureau