अरुणाचल : कर्फ्यू बरकरार, विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक का किया बहिष्कार

राज्य सरकार द्वारा छह गैर-अरुणाचल प्रदेश अनुसूचित जनजाति समुदायों को स्थायी निवास प्रमाणपत्र (पीआरसी) देने के कदम पर भड़की हिंसा के तीसर दिन सोमवार को भी कर्फ्यू जारी है

author-image
kunal kaushal
एडिट
New Update
अरुणाचल : कर्फ्यू बरकरार, विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक का किया बहिष्कार

अरुणाचल में हिंसा (फाइल फोटो)

Advertisment

राज्य सरकार द्वारा छह गैर-अरुणाचल प्रदेश अनुसूचित जनजाति समुदायों को स्थायी निवास प्रमाणपत्र (पीआरसी) देने के कदम पर भड़की हिंसा के तीसर दिन सोमवार को भी कर्फ्यू जारी है. इटानगर कैपिटल कॉम्प्लेक्स के डिप्टी कमिश्नर प्रिंस धवन ने आईएएनएस को बताया, "हमने कर्फ्यू को बुधवार की सुबह नौ बजे तक बढ़ा दिया है, ताकि मौजूदा स्थिति को शांत किया जा सके." उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी. वहीं, नाहरलागुन में गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई.

विपक्षी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) और कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने का फैसला किया है. एनपीपी से विधायक मुतुचू मीठी ने आईएएनएस को बताया, "सर्वदलीय बैठक में भाग लेने का क्या मतलब है, जब मुख्यमंत्री (पेमा खांडू) ने नामसई और चांगलांग जिलों में छह गैर-अरुणाचल प्रदेश अनुसूचित जनजाति समुदायों को पीआरसी देने के खिलाफ हमारी आवाज सुनने से इनकार कर दिया था."

राज्य कांग्रेस प्रमुख संजय टेकम ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में अस्थिर स्थिति के बावजूद खांडू 'तुच्छ राजनीति करने में लगे हैं'. उन्होंने कहा कि लिखित या मौखिक संदेश प्राप्त किए बिना कोई किसी बैठक में भाग कैसे ले सकता है?

उन्होंने कहा, "वास्तव में मुझे बैठक के बार में तब पता चला, जब मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्य अधिकारी ने मुझे सुबह 11.15 बजे कॉल की और मुझसे बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया जो सुबह 11 बजे शुरू हुई थी."

संजय ने कहा, "क्या यह तुच्छ राजनीति नहीं है? मुख्यमंत्री इतनी गंभीर स्थिति में भी गंभीर नहीं हैं."अरुणाचल प्रदेश सरकार ने रविवार को विवादास्पद पीआरसी पर अपने फैसले को रद्द कर दिया है, लेकिन तीसरे दिन भी व्यापक हिंसा हुई और प्रदर्शनकारियों ने उपमुख्यमंत्री के घर में आग तक लगा दी.

मुख्य सचिव सत्य गोपाल ने एक बयान में कहा, "वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार ने फैसला किया है कि पीआरसी के संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी."

राज्यपाल ब्रिगेडियर बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने भी हिंसा की निंदा की.मिश्रा ने शांति की अपील करते हुए कहा, "अरुणाचलवासियों ने हमेशा सभी परिस्थितियों में अपने आचरण में तर्कसंगत, बुद्धिमत्ता और परिपक्वता का प्रदर्शन किया है."

उन्होंने राज्य सरकार को आगे की तबाही को रोकने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी. राजधानी में सेना तैनात की गई है, जबकि अधिकारियों ने फर्जी समाचारों के प्रसार से बचने के लिए राज्यभर में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है.

पीआरसी देने के फैसले को रद्द करने के लिए खांडू सरकार पर दबाव बनाने के लिए 18 छात्रों और नागरिक समाज समूहों द्वारा शुक्रवार शाम को विरोध प्रदर्शन किया गया था.

इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने 50 वाहनों में आग लगा दी और 100 से अधिक वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पर्यावरण और वन मंत्री नबाम रेबिया की अगुवाई वाली एक समिति ने तथ्यों के सही सत्यापन के बिना पीआरसी पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी.

Source : IANS

Pema khandu Prc Row arunachal cm
Advertisment
Advertisment
Advertisment