Arvind Kejriwal Arrest: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी से राहत नहीं मिल पाई है. कोर्ट के फैसला पढ़ना आरंभ कर दिया है. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने निर्णय सुनाने से पहले ही ये स्पष्ट कर दिया है कि ये फैसला जमानत पर नहीं बल्कि केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर हे. फैसला सुनाते समय अदालत ने कहा कि सीएम और आम आदमी के लिए कानून बराबर हैं. अदालत कानून के हिसाब से चलती है. जांच और पूछताछ से किसी को छूट नहीं मिल सकती. फैसला सुनाते वक्त जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि कोर्ट नहीं मानता है कि केजरीवाल को चुनाव प्रचार रोकने को लेकर गिरफ्तार किया गया है.
कानून सीएम और आम आदमी के लिए बराबर हैं. ED का दावा है कि केजरीवाल शराब घोटाले में शामिल थे. ED ने आठ मार्च को गोवा के आम आदमी पार्टी उम्मीदवार के बयान को दर्ज किए थे. इसके साथ PMLA सेक्शन के तहत राघव रेड्डी के बयान भी सामने आए थे. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा के अनुसार, सरकारी गवाहों पर सवाल खड़ा किया जा रहा है, वहीं सरकारी गवाह के बयान कोर्ट के सामने लिखे जाते हैं.
केजरीवाल और ED के बीच का विवाद
हाईकोर्ट की जस्टिस ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि यह मामला अरविंंद केजरीवाल और ED के बीच का है. यह मामला केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच का नहीं है. राजनीति का प्रभाव सरकार पर होता है. अदालत पर राजनीतिक वजहों का असर नहीं होता.
Source : News Nation Bureau