दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सरकार कोरोना संक्रमण के दौर में फिर से एक बड़े विवाद में जाने-अनजाने घिर गई है. अब तक कई बार सीएम केजरीवाल कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण से जुड़े आंकड़ों को लेकर सामने आने वाली गलतियों के लिए निजी अस्पतालों द्वारा डाटा शेयर नहीं करने की आड़ लेते आए हैं. अब दिल्ली सरकार पर कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या छिपाने का बड़ा आरोप लगा है. बीजेपी (BJP) शासित स्थानीय निकायों की ओर से कहा गया है कि केजरीवाल सरकार जो मृतकों के आंकड़े बता रही है, हकीकत में उससे कहीं ज्यादा मौतें हुई हैं. इस आरोप को बल देने के लिए उन्होंने श्मशान घाट और कब्रिस्तान से मिले मृतकों के आंकड़ों का हवाला दिया है. मौतों की संख्या पर भारी घालमेल के इन आरोपों का अभी तक दिल्ली सरकार की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है.
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श्मशान घाट औऱ कब्रिस्तान के आंकड़े अलग
भाजपा शासित निकाय के वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में श्मशान घाट और कब्रिस्तान से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या और दिल्ली सरकार द्वारा बताई गई संख्या में 'बहुत बड़ा अंतर' है. इस आरोप पर दिल्ली सरकार की ओर से कोई त्वरित प्रतिक्रिया नहीं आई. भाजपा नीत उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश ने दावा किया कि 21 मई तक मानक प्रक्रिया के तहत क्षेत्र में कोविड-19 से मरने वाले 282 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया या उन्हें दफन किया गया. भाजपा नीत दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कमलजीत सहरावत ने भी दावा किया कि नगर निगम से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार क्षेत्र में कोविड-19 से मरने वाले 309 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया या उन्हें दफनाया गया.
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दिल्ली सरकार के आंकड़े बेहद कम
इसके उलट दिल्ली सरकार की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 23 मई तक कोविड-19 से 231 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रकाश ने कहा, 'अगर आप एनडीएमसी और एसडीएमसी द्वारा दिए गए मौत के आंकड़े मिला कर देखेंगे तो पाएंगे कि 21 मई तक लगभग छह सौ मौते हो चुकी हैं जो कि दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों का तीन गुना है' आम आदमी पार्टी सरकार अपना चेहरा छिपाने के लिए मौत की कम संख्या बता रही है.' इस मामले पर टिप्पणी के लिए दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया'
HIGHLIGHTS
- मजदूरों के पलायन की झूठी अफवाह से शुरू हुआ विवादों का सिलसिला.
- इस बार कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों को छिपाने का लगा आरोप.
- कब्रिस्तान और श्मशान घाट में आए शवों और सरकारी आंकड़ों में भारी अंतर