कांग्रेस (Congress) में अब गांधी परिवार बनाम अन्य नेताओं की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है. वर्किंग कमेटी की मीटिंग में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने चिट्ठी लिखी है वो भारतीय जनता पार्टी के साथ मिले हुए हैं. इसके बाद गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे की पेशकश की. इस मामले को लेकर AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin owaisi) ने कांग्रेस पर तंज कसा है.
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हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद हमें भाजपा की 'B' टीम कहते थे. अब उनकी पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर करके भाजपा के साथ मिलीभगत की. कांग्रेस में जो मुस्लिम नेता अपना समय बर्बाद कर रहे हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि वे कब तक कांग्रेस नेतृत्व के गुलाम रहेंगे.
राहुल गांधी ने कभी नहीं कहा यह चिट्ठी BJP की मिलीभगत से लिखी गई: आजाद
बता दें कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक महाभारत का कुरुक्षेत्र बन गया. चिट्टी को लेकर जबर्दस्त घमासान हो गया है. पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखे पत्र पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की टिप्पणी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं नाखुश नजर आए. राहुल गांधी के बयान से गुलाम नबी आजाद काफी गुस्से में दिखे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने यह कभी नहीं कहा कि यह चिट्ठी बीजेपी की मिलीभगत से लिखी गई. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने ना तो कांग्रेस कार्यसमिति में या उससे बाहर कहा कि यह चिट्ठी बीजेपी के सांठ-गांठ में लिखी गई है. वहीं गुलाम नबी आजाद ने तो राहुल गांधी के बीजेपी से मिलीभगत के आरोप सिद्ध होने पर कांग्रेस से इस्तीफा देने की बात तक कह डाली है.
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प्रियंका गांधी ने भी पत्र पर साइन करने वालों की मजम्मत कर दीं
राहुल गांधी ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र की टाइमिंग औऱ मंशा पर सवालिया निशान लगाते हुए उन नेताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया, जिन्होंने उस पर साइन किए थे. राहुल गांधी के इस बयान की तीखी प्रतिक्रिया होनी ही थी. राहुल गांधी का कहना था कि सोनिया गांधी को लिखे पत्र पर साइन करने वाले वास्तव में बीजेपी की ही मदद कर रहे हैं. राहुल गांधी के इस तीखे बयान के बाद प्रियंका गांधी ने भी इसी अंदाज में पत्र पर साइन करने वालों की मजम्मत कर दी.
कांग्रेस से दे देंगे इस्तीफा
गुलाम नबी आजाद तो इतने आहत हो गए है कि उन्होंने बयान जारी कर दिया कि अगर आरोप सिद्ध हो गए तो वह कांग्रेस से इस्तीफा दे देंगे. कपिल सिब्बल ने भी राजस्थान और मणिपुर कांग्रेस संकट का हवाला देते हुए ट्वीट कर राहुल गांधी के आरोपों से नाराजगी जता दी. हालांकि कुछ देर बाद ही कपिल सिब्बल ने अपना ट्वीट वापस ले लिया. जाहिर है कांग्रेस में आमूलचूल बदलाव की मंशा से सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र से कांग्रेस की खेमेबंदी सतह पर उभर कर आ गई है.