बाबरी विध्वंस केस (Babri Demolitioncase) में सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले में माना कि घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट के इस फैसले के बाद हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM) पार्टी चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे अदालत की तारीख का काला दिन बताया. उन्होंने कहा कि क्या मस्जिद जादू से गिराया गया.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं बतौर भारतीय मुस्लिम आज अपमान, शर्म और असहाय महसूस कर रहा हूं. बिल्कुल ठीक वैसे ही जैसे 1992 में युवावस्था में किया था.' इसके साथ ही ओवैसी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) से इस फैसले को चैंलेज करने की अपील की है.
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ओवैसी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि लालकृष्ण आडवाणी ने पूरे देश में रथयात्रा निकाली. हर जगह पर हिंसा हुई. उमा भारती ने नारा दिया था कि 'एक धक्का और दो, बाबरी मस्जिद तोड़ दो'. जब बाबरी शहीद हो रही थी तो मिठाइयां बांटी जा रही थीं. आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती ये सभी लोग खुशियां मना रहे थे. विनय कटियार के घर में साजिश रची गई.
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उन्होंने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस अभियुक्त भगवान गोयल ने कोर्ट के बाहर स्वीकार किया कि हां बाबरी का विध्वंस किया, उसे कोर्ट के अंदर बाइज्जत बरी कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि यह न्याय का मामला है और आज बीजेपी इस मसले की वजह से ही सत्ता में है.
बता दें कि कोर्ट का फैसला आने के बाद ओवैसी ने एक ट्वीट करके कहा, 'वही क़ातिल वही मुंसिफ़ अदालत उस की वो शाहिद,बहुत से फ़ैसलों में अब तरफ़-दारी भी होती है.'
बता दें कि बुधवार को बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी और यह अचानक हुई थी.
Source : News Nation Bureau