प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को मथुरा (Mathura) में जैसे ही कहा कि ऊं गाय का नाम सुनते ही कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते है. उन्हें लगता है देश 16वीं-17वीं शताब्दी में पहुंच गया है. ऐसे लोगों ने देश को बर्बाद करने के अलावा कुछ नहीं किया. वैसे ही असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने उनपर पलटवार कर दिया. ओवैसी ने पीएम मोदी को कहा कि गाय हमारे हिंदू भाइयों के लिए एक पवित्र पशु है लेकिन संविधान में जीवन और समानता का अधिकार मनुष्यों को दिया गया है, मुझे उम्मीद है कि पीएम इसे ध्यान में रखेंगे.
Asaduddin Owaisi on PM Modi's remark "kuchh logo ke kaan par agar 'om' aur 'gaaye' shabd padhta hai to unke baal khade ho jate hain": Cow is a sacred animal for our Hindu brothers but in Constitution right to life&equality has been given to humans, I hope PM will keep it in mind. pic.twitter.com/o29mvSwtw8
— ANI (@ANI) September 11, 2019
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने बुधवार को मथुरा (Mathura) में कई कार्यक्रमों को लॉन्च किया. इनमें पशु आरोग्य मेले की शुरुआत और पशुओं में होने वाली अलग-अलग बीमारियों के टीकाकरण का कार्यक्रम भी शामिल है. इसके अलावा पीएम मोदी ने देशभर के लिए 40 मोबाइल पशु चिकित्सा गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके बाद पीएम मोदी ने मथुरा (Mathura)वासियों को संबोधित करते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक जैसे कई अहम मुद्दों पर बात की.
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पीएम मोदी ने इस दौरान पशुपालन और गायों पर भी बात की और बातों ही बातों विरोधियों पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा, ऊं गाय का नाम सुनते ही कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते है. उन्हें लगता है देश 16वीं-17वीं शताब्दी में पहुंच गया है. ऐसे लोगों ने देश को बर्बाद करने के अलावा कुछ नहीं किया. पीएम मोदी ने कहा, भारत में पशुधन बहुत बड़ी बात है, इसके बिना अर्थव्यवस्था हो या गांव, कुछ नहीं चल सकता.
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पीएम मोदी ने कहा, किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन और दूसरे व्यवसायों की भी बहुत बड़ी भूमिका है. पशुपालन हो, मछली पालन हो या मधुमक्खी पालन, इन पर किया गया निवेश ज्यादा कमाई कराता है. इसके लिए बीते 5 वर्षों में कृषि से जुड़े दूसरे विकल्पों पर हम एक नए Approach के साथ आगे बढ़े हैं.
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प्रधानमंत्री ने कहा, पशुधन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य से लेकर डेयरी प्रोडक्ट्स की वैरायटी को विस्तार देने के लिए जो भी जरूरी कदम थे, वो उठाए गए हैं. दुधारु पशुओं की गुणवत्ता के लिए पहले राष्ट्रीय गोकुल मिशन शुरु किया गया और इस वर्ष देश पशुओं की उचित देखरेख के लिए कामधेनु आयोग बनाने का निर्णय हुआ.
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उन्होंने कहा, पशुधन को लेकर सरकार इतनी गंभीर है कि सरकार के 100 दिनों में जो बड़े फैसले लिए गए, उनमें से एक पशुओं के टीकाकरण से जुड़ा है. इस अभियान को विस्तार देते हुए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. भारत के डेयरी सेक्टर को विस्तार देने के लिए हमें नई तकनीक की जरुरत है. ये इनोवेशन हमारे ग्रामीण समाज से भी आएं इसीलिए आज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज की शुरुआत की गई.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो