राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. यह 18वीं लोकसभा का उनका पहला अभिभाषण है. राष्ट्रपति मुर्मू के भाषण की सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आलोचना की. उनका कहना है कि उनके भाषण में अल्पसंख्यकों और बेरोजगारी का कोई जिक्र नहीं था. एक साक्षात्कार में ओवैसी ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कल कहा था कि भारत में नफरती भाषणों में वृद्धि हुई है. देश में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा हैं. राष्ट्रपति के संबोधन में नया जैसा कुछ भी नहीं था. साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि नीट फिर से होना चाहिए. देश में जगह-जगह पेपर लीक हो रहे हैं. सरकार 25 लाख युवाओं और उनके परिजनों के साथ खेल रही है.
#WATCH | Delhi: On President Droupadi Murmu's address, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says "In the entire address, there was no mention of minorities or unemployment. US State Secretary Antony Blinken said yesterday that there has been an increase in hate speech in India and religious… pic.twitter.com/CjhIqq9A0g
— ANI (@ANI) June 27, 2024
एक अन्य साक्षात्कार में ओवैसी ने कहा कि भाजपा समझ नहीं पा रही है कि उनके पास इस बार जनादेश नहीं है. राष्ट्रपति के पूरे भाषण में अल्पसंख्यक शब्द का जिक्र तक नहीं था. मोदी सरकार इतनी नफरत क्यों करती है. ओवैसी ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाएं या फिर सरकारी भर्ती परीक्षाएं पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए.
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राष्ट्रपति मुर्मू ने सदन को किया संबोधित
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा में निर्वाचित होकर आने के लिए आपको सभी को शुभकामनाएं. आप देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर आए हैं. उन्होंने इसके साथ ही सांसदों को एक नसीहत भी दी. उन्होंने कहा कि देश सेवा और जनसेवा का ये सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है. मुझे भरोसा है कि आप सभी देश को पहले रखकर ही अपना दायित्व निभाएंगे. राष्ट्रपति ने 18वीं लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव को दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव बताया. उन्होंने कहा कि 64 करड़ो वोटर्स ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया. महिलाओं की भागीदारी भी सराहनीय रही. जम्मू-कश्मीर से भी इस चुनाव की सुखद तस्वीर देखने को मिली. घाटी में भी वोटिंग के जरिए दशकों का रिकॉर्ड टूटा. पढ़ें पूरी खबर
LIVE: President Droupadi Murmu addresses both Houses of the Parliament https://t.co/4hNviAsCmv
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 27, 2024
संसद में ओवैसी ने कहा था जय फलस्तीन
संसद में शपथ ग्रहण के दौरान ओवैसी ने नए राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया. दरअसल, उन्होंने शपथ ग्रहण के अंत में जय फलस्तीन कहा दिया था. उनके इन नारे से सत्ता पक्ष मे रोष हैं. उन्होंने संविधान के तहत ओवैसी को अयोग्य ठहराने की मांग की है. मामसे में संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि संसद में शपथ लेते समय दूसरे देश के लिए नारे लगाना अनुचित है. उन्होंने एक दिन पहले कहा था कि हमें कुछ सदस्यों की शिकायत मिली है. हम नियमों के तहत जांच करेंगे. रिजिजू ने कहा कि फलस्तीन और भारत की कोई दुश्मनी नहीं है. मुद्दा यह है कि क्या शपथ लेते वक्त किसी दूसरे देश की प्रशंसा करते हुए नारे लगाना उचित है.
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सदस्यता रद्द करने की मांग पर ओवैसी का कहना है कि खोखली धमकियां उन्हें डरा नहीं सकती हैं. जिसे जो करना है, उन्हें करने दें. मैंने भी थोड़ा बहुत संविधान पढ़ा है. इन खोखली धमकियों से कुछ नहीं होने वाला है. पढ़ें पूरी खबर
Source : News Nation Bureau