स्वतंत्रता दिवस से पहले भारतीय ध्वज को लेकर पक्ष-विपक्ष में जमकर राजनीति हो रही है. राष्ट्रप्रेम की झलक दिखाता तिरंगा राजनीतिक अखाड़ा बनता जा रहा है. इसपर अब AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने RSS और मोदी सरकार को निशाना बनाया है. उन्होंने कहा कि 1947 में RSS चाहती थी कि राष्ट्र ध्वज का रंग भगवा हो. RSS के इस बयान के क्या मायने हैं? जब पीएम मोदी कहते हैं कि उन्हें RSS से प्रेरणा मिलती है तो उनका इस बयान के बारे में क्या कहना है.
ओवैसी ने पीएम से मांगा जवाब
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि RSS के लोग ध्वज के तीन रंगों की बुराई करते हैं. मैं उनसे (पीएम) सवाल करता हूं कि जो RSS ने कहा क्या वो सही है या गलत. पीएम मोदी को इसपर स्पष्टीकरण देना चाहिए.
कहां से शुरू हुआ विवाद?
आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने देशभर में लोगों से अपील की थी कि लोग 2 से 15 तारीख तक अपनी प्रोफाइल पर तिरंगे की तस्वीर लगाएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील के बाद भी RSS ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीर नहीं लगाई थी. जिसके बाद कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां हमलावर हो गईं.
हालांकि, बाद में RSS ने बाद में स्पष्ट करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सबको मिलकर आजादी के इस महोत्सव को मनाना चाहिए. साथ ही RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि लोग भारत सरकार, राज्य सरकार और अन्य संगठनों के कार्यक्रमों में जरूर हिस्सा लें.
Source : News Nation Bureau