Jai Palestine Row: संसद में शपथ ग्रहण करते हुए जय फलस्तीन कहकर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नए राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया. उनके नारे पर विवाद मचा हुआ है. सत्ता पक्ष सहित आम लोग भी इसकी निंदा कर रहे हैं. संसद से उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की जा रही है. नेताओं ने शिकायत की है. इन सब पर ओवैसी ने कहा कि खोखली धमकियां उन्हें डरा नहीं सकती हैं. जिसे जो करना है, उन्हें करने दें. मैंने भी थोड़ा बहुत संविधान पढ़ा है. इन खोखली धमकियों से कुछ नहीं होने वाला है.
अपने बयान का कर चुके हैं बचाव
एक दिन पहले, सदन में जय फलस्तीन कहकर बाहर निकलने पर ओवैसी ने मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन कहने में कुछ गलत नहीं है. दूसरे सदस्य भी तो कह रह थे. यह कैसे गलत हो सकता है. संविधान में ऐसा कोई प्रावधान है क्या. दूसरे सांसदों ने क्या-क्या बोला एक बार वह भी सुनना चाहिए. मैंने आज वही कहा, जो कहना था. महात्मा गांधी के फलस्तीन के बारे क्या कहना था, वह एक बार पढ़ना चाहिए. फलस्तीन का जिक्र करने के पीछे का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे उत्पीड़ित लोग हैं.
मामले में जांच कर रहे हैं- संसदीय कार्यमंत्री
मामले में संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि संसद में शपथ लेते समय दूसरे देश के लिए नारे लगाना अनुचित है. उन्होंने एक दिन पहले कहा था कि हमें कुछ सदस्यों की शिकायत मिली है. हम नियमों के तहत जांच करेंगे. रिजिजू ने कहा कि फलस्तीन और भारत की कोई दुश्मनी नहीं है. मुद्दा यह है कि क्या शपथ लेते वक्त किसी दूसरे देश की प्रशंसा करते हुए नारे लगाना उचित है. मामले में भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय का कहना था कि अनुच्छेद 102 के तहत उनके पोस्ट का एक अंश गलत है और उन्हें इस कारण सदस्य के रूप में आयोग्य घोषित किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि मौजूदा नियमों के अनुसार, ओवैसी को विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा दिखाने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है.
टी राजा सिंह ने जताई आपत्ति
मामले में फायर ब्रांड भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी आपत्ति जताई है. उन्होंने ओवैसी के खिलाफ निशाना साधा. ओवैसी को क्या भारत माता की जय बोलने में शर्म आती है. वे भारत में रहते हैं. भारत में सांसद हैं. भारत में राजनीति करते हैं पर भारत माता की जय बोलने में शर्माते हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि अगर कोई इस्राइल बोल देता तो आप संसद के बाहर हंगामा कर देते. अगर आपको फलस्तीन से इतना ही प्यार हैं तो वहां जाएं और उन लोगों के लिए खड़े रहें. मेरी सलाह है कि आपको वहां जाना चाहिए.
Source : News Nation Bureau