ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर जिला अदालत का निर्णय आने के बाद आईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का बयान सामने आया है. उन्होंने का कि यह मामला बाबरी मस्जिद मामले की तरह जाता दिख रहा है. उन्होंने कहा कि इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील होनी चाहिए. उन्हें उम्मीद है कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी इस आदेश के खिलाफ अपील करेगी. उनका मानना है कि इस आदेश के बाद पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उद्देश्य खत्म हो जाएगा. इससे पहले वाराणसी अदालत ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पोषणीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज कर दिया.
कोर्ट ने कहा कि वह पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी. हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन के अनुसार, जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने मामले की पोषणीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका को पूरी तरह से खारिज करते हुए सुनवाई जारी रखने का फैसला किया.
गौरतलब है कि इस मामले में पांच महिलाओं ने याचिका दायर कर हिंदू देवी देवताओं की पूजा की अनुमति मांगी थी. अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने ज्ञानवापी को वक्फ संपत्ति बताया था. उसने कहा था कि मामला सुनवाई के योग्य नहीं है. जिला न्यायाधीश ने बीते माह इस मामले में आदेश 12 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रखा था. मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.
HIGHLIGHTS
- पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उद्देश्य खत्म हो जाएगा: ओवैसी
- कहा, यह मामला बाबरी मस्जिद मामले की तरह जाता दिख रहा है