AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल की कॉपी फाड़ा दी. उन्होंने बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह बिल देश को तोड़ने का काम करेगा. साथ ही यह बिल संविधान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है. धर्म के आधार पर नागरिकता देना बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि इस बिल के पीछे बीजेपी का हिंदू-मुस्लिम एजेंडा है. उन्होंने बिल का विरोध करते हुए कहा कि ये एक और बंटवारा होने जा रह है. यह बिल हमारे संविधान के खिलाफ है. यह हमारे स्वतंत्रता सेनानी का अपमान है. मैंने इस बिल को फाड़ दिया, क्योंकि यह बिल हमारे देश को तोड़ने का काम कर रहा है.
लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा चल रही है. इस दौरान कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह बिल धर्म के आधार पर लोगों को नागरिकता मिलेगी. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया. गृह मंत्री अमित शाह ने बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर वार किया. जिस पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish tiwari) ने पलटवार करते हुए कहा कि हम इस विधेयक के विरोध में हैं. यह बिल बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान के विरुद्ध है.
ओवैसी ने कहा कि यह कानून हिटलर के कानून से भी बदतर है. गांधी का जिक्र करते हुए ओवैसी ने भाषण के दौरान ही बिल की कॉपी फाड़ दी. ओवैसी ने इस बिल को संविधान की मूल आत्मा के विरुद्ध भी बताया है. इससे पहले भी ओवैसी धार्मिक आधार पर नागरिकता बिल को लाने का विरोध करते रहे हैं. ओवैसी की इस हरकत को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है. ओवैसी ने कहा कि यह बिल महात्मा गांधी और बाबा साहब आंबेडकर का अपमान करता है.
असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि चीन के बारे में सरकार क्यों नहीं बोलती. नागरिकता बिल हिटलर के कानून से भी बदतर है. एक और बंटवारा होने जा रहा है. नागरिकता बिल से देश को खतरा है. इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल के विरोध में अपनी बात रखी और कहा कि मुल्क को ऐसे कानून से बचा लीजिए.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो