नाबालिग से बलात्कार मामले में स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू को SC/ST (अनूसूचित जाति एवं जनजाति) अदालत ने दोषी करार दिया है।
अदालत ने आसाराम, शरतचंद्र और शिल्पी को इस मामले में दोषी करार दिया है जबकि शिवा और प्रकाश को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
आसाराम के वकील उनकी अधिक उम्र का हवाला देते हुए कम से कम सजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि उनकी यह दलील काम नहीं आई। कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही अन्य दो दोषियों को 20-20 साल की सजा सुनाई गई है।
पीड़िता के आरोप लगाया था कि जोधपुर के एक फार्म हाउस में आसाराम ने इलाज के बहाने उसका यौन उत्पीड़न किया था।
15 अगस्त 2013 में जोधपुर के मनाई गांव में एक नाबालिग लड़की के साथ किए गए बलात्कार मामले में उन्हें सजा दी गई है।
गौरतलब है कि 2013 के इस मामले में पुलिस ने 6 नवंबर 2013 को आसाराम और अन्य आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट, जुवेनाइल एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत चार्जशीट फाइल की थी।
मामला दर्ज होने के बाद पिछले चार सालों के दौरान केस से जुड़े कई गवाहों पर हमले हुए और कई गायब हो गए।
आसाराम फिलहाल जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है। उनके खिलाफ एक अन्य बलात्कार के मामले में भी ट्रायल चल रहा है।
गुजरात के सूरत की दो बहनों ने आसाराम पर कथित रूप से बलात्कार का आरोप लगाया है। इस मामले में आसाराम का बेटा नारायण साईं भी आरोपी है।
दोषी करार दिए जाने के बाद आसाराम की प्रवक्ता नीलम दुबे ने बताया कि वह अन्य कानूनी विकल्पों पर विचार करेंगे।
उन्होंने कहा, 'हम कानूनी टीम के साथ इस फैसले पर विचार-विमर्श करेंगे और फिर आगे की रणनीति तय करेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।'
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HIGHLIGHTS
- नाबालिग से बलात्कार मामले में स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू को SC/ST कोर्ट ने दोषी करार दिया है
- अदालत ने आसाराम समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया गया है, जबकि दो अन्य आरोपी बरी हो गए हैं
Source : News Nation Bureau