स्वामी असीमानंद को हैदराबाद कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह 1 अप्रैल को जेल से बाहर आए हैं। इस जमानत के खिलाफ अपील करने के लिए नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) की हैदराबाद ब्रांच ने दिल्ली हेड ऑफिस को प्रपोजल भेजा था। दिल्ली ऑफिस के अधिकारियों ने अपील करने से मना कर दिया।
बता दें कि ये वही असीमानंद हैं, जिन पर 18 मई 2017 मक्का मस्जिद में ब्लास्ट का आरोप है। इस ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत हुई थी और करीब 58 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
एनआईए के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एनआईए हेडक्वार्टर ने हैदराबाद ब्रांच ऑफिस को असीमानंद की जमानत खारिज करने के लिए अपील नहीं करने को कहा है। जमानत को चैलेंज करने के लिए एजेंसी के पास पुख्ता सबूत थे।
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वहीं अगर अपील में कुछ खास नहीं होता तो इसे हाईकोर्ट खुद खारिज कर देता। हालांकि शनिवार रात एनआईए डायरेक्टर जनरल शरद कुमार ने कहा कि ऑर्डर के आधार पर हम आगे की प्लानिंग कर रहे हैं।
जमानत में असीमानंद के सामने यह शर्त रखी गई है कि वह बिना परमिशन के हैदराबाद छोड़कर नहीं जाएंगे। इस दौरान उन्होंने अपना पासपोर्ट भी सरेंडर किया। असीमानंद ने 1 लाख रुपये जमानत के तौर पर जमा कराए हैं।
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गौरतलब है कि 19 नवंबर 2010 को असीमानंद को हरिद्वार से सीबीआई ने गिरफ्तार कया था। मक्का मस्जिद अटैक से संबंध होने की वजह से इन्हें गिरफ्तार किया गया था। इस केस में 166 गवाहों से पूछताछ की गई थी। करीब 100 गवाह अभी भी पूछताछ के लिए बाकी हैं। फिलहाल 8 आरोपियों में से असीमानंद समेत 4 जमानत पर बाहर हैं।
HIGHLIGHTS
- 19 नवंबर 2010 को असीमानंद की हुई थी गिरफ्तारी
- 8 में से असीमानंद समेत 4 आरोपी जमानत पर बाहर हैं
Source : News Nation Bureau