7 दिसंबर को हुए चुनाव के 11 दिसंबर को परिणाम आने के बाद राजस्थान में नई सरकार का आज तब पूर्णता गठन हो गया, जब प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने अपने मंत्रिमंडल में 23 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलवाई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के मंत्रिमंडल में 13 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री बनाए गए हैं. सभी को आज राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
राजस्थान विधानसभा में 200 विधायक हैं. ऐसे में संविधान के मुताबिक राज्य में कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं. प्रदेश सरकार में आज 23 मंत्रियों को शपथ दिलाने के बाद मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री समेत 25 मंत्री बने हैं. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मंत्रिपरिषद में पांच स्थान खाली रखे गए हैं. आज बनाए गए मंत्रियों की परफारमेंस, रिपोर्ट कार्ड और प्रदेश में बदलने वाले सियासी समीकरण के बाद बचे हुए 5 पदों को भरा जाएगा.
डिपार्टमेंट अधिक होने के कारण चलते कम से कम चार-पांच विभाग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और इतने ही उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के पास रहने की संभावना है. एक-दो को छोड़कर सभी मंत्रियों को एक से अधिक विभाग देना बेहद मुश्किल है. विभागों का बंटवारा आज शाम तक हो सकता है.
इसमें सर्वाधिक चर्चा पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी, परसराम मोरदिया और दीपेंद्र सिंह शेखावत का मंत्री नहीं बनाए जाने की रही. बताया जा रहा है कि इनमें से एक विधायक को विधानसभा अध्यक्ष और एक को उपाध्यक्ष बनाया जाएगा. इसके अलावा एक को सदन में मुख्य सचेतक के तौर पर भी नियुक्त किया जा सकता है.
मंत्रियों ने न्यूज़ नेशन से बात करते हुए कहा घोषणा पत्र के वादों को पूरा करना प्राथमिकता होगी. इसके साथ ही लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे.