पंजाब (Punjab) में मची रार के बीच राजस्थान (Rajasthan) कांग्रेस में भी आंतरिक बवंडर उठने लगा है. 16 अक्टूबर को कांग्रेस की कार्यसमिति (CWC) की बैठक प्रस्तावित है और सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) भी पहुंच रहे हैं. गहलोत का दिल्ली प्रवास इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि वह कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य नहीं हैं, इसके बावजूद वह दिल्ली में मुख्यमंत्री की हैसियत से मौजूद रहेंगे. कयास यह लगाया जा रहा है कि गहलोत और सीडब्ल्यूसी के सदस्यों की मौजूदगी में राजस्थान की आंतरिक रार थामने की कोशिश की जाएगी. अटकलें तो यह भी हैं कि राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी खाका खींचा जा सकता है.
राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज
जाहिर है कि राजस्थान में बदलाव की सुगबुगाहट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिल्ली कार्यक्रम से ही राजनीतिक गलियारे में अटकलें तेज हो गई हैं. माना जा रहा है कि इस दिल्ली दौरे का राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार और संगठन में होने वाले फेरबदल का सीधा संबंध हैं. पंजाब कांग्रेस में रार के साथ ही राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन विस्तार दिनों दिन घमासान में तब्दील होता जा रहा है. ऐसे में गहलोत का वरिष्ठ नेताओं और कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ ही राहुल गांधी और प्रियंका से भी इस बात की चर्चा होना निश्चित माना जा रहा है.
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दिवाली से पहले फेरबदल संभव
दिल्ली दौरे पर अशोक गहलोत संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रभारी अजय माकन सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं से मिल सकते हैं. हाल ही में चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी बनाने और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को पंजाब का पर्यवेक्षक बनाने के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि अब दोनों मंत्रियों को हटाया जा सकता है. इसके अलावा संगठन में चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने से भी कुछ और मंत्रियों को भी हटाए जाने की चर्चा है. कांग्रेस की भितरखाने की मानें तो मंत्रिमंडल में फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियां और संगठन में बड़े बदलाव दीपावली से पहले ही किए जा सकते हैं.
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पायलट गुट लगातार उठा रहे बदलाव की मांग
पूर्व उपमुख्यमंत्री और गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाला सचिन पायलट गुट लंबे समय से मंत्रिमंडल में फेरबदल की मांग कर रहा है. बसपा से कांग्रेस में आने वाले विधायकों के अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट के दूसरे विधायक भी मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियां करने की मांग उठाते रहते हैं. राजस्थान प्रभारी अजय माकन कई बार डेडलाइन दे चुके, लेकिन अब तक न मंत्रिमंडल फेरबदल हुआ और न ही राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन विस्तार पर काम आगे बढ़ा. ऐसे में अशोक गहलोत के दिल्ली कार्यक्रम ने राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी है.
HIGHLIGHTS
- कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मौजूद रहेंगे गहलोत
- सीडब्ल्यूसी की बैठक में बतौर मुख्यमंत्री भाग लेंगे
- मंत्रिमंडल और संगठन में फेरबदल दिवाली तक संभव