ज्ञानवापी के बाद, एएसआई मध्य प्रदेश के धार भोजशाला में करेगी सर्वेक्षण

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद एक और विवादित मंदिर-मस्जिद स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की नजर में आएगा. इस बार मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला है, जहां उसे सर्वे करना है.

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Sourabh Dubey
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asi ( Photo Credit : social media)

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वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद एक और विवादित मंदिर-मस्जिद स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की नजर में आएगा. इस बार मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला है, जहां उसे सर्वे करना है. दक्षिणपंथी समूह हिंदू फ्रंट की याचिका के बाद आज मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने यह आदेश दिया. अयोध्या, वाराणसी और मथुरा के बाद उत्खनन/सर्वेक्षण से गुजरने वाला यह चौथा स्थल होगा. जस्टिस एसए धर्माधिकारी और देव नारायण मिश्रा की पीठ ने कहा कि, "सर्वेक्षण कराएं. तस्वीरें और वीडियो बनाए जाने चाहिए. रिपोर्ट अगली सुनवाई के दौरान 29 अप्रैल से पहले अदालत को दी जानी चाहिए."

एएसआई को संरचना की आयु का पता लगाने के लिए ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार सिस्टम और कार्बन डेटिंग सहित सभी तरीकों और अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग करने के लिए कहा गया है. याचिकाकर्ताओं ने अनुरोध किया है कि, यदि सर्वेक्षण से पता चलता है कि वहां मंदिर है तो उस स्थान पर दैनिक पूजा करने का अधिकार दिया जाए.

अपने आदेश में, अदालत ने कहा कि एएसआई को विवादित भोजशाला मंदिर सह कमल मौला मस्जिद परिसर के जीपीआर-जीपीएस सर्वेक्षण के नवीनतम तरीकों, तकनीकों और तरीकों को अपनाकर "पूर्ण वैज्ञानिक जांच, सर्वेक्षण और उत्खनन करना चाहिए. इसमें परिसर की सीमा से परिधीय रिंग क्षेत्र का पूरा 50 मीटर शामिल होगा.

जमीन के ऊपर और नीचे दोनों विभिन्न संरचनाओं की कार्बन डेटिंग के माध्यम से एक विस्तृत वैज्ञानिक जांच भी की जानी है. एएसआई को बंद या सीलबंद कमरों, हॉलों को भी खोलना होता है और प्रत्येक कलाकृति, मूर्ति, देवता या किसी संरचना की पूरी सूची तैयार करनी होती है, लेकिन इसे "पूरे परिसर की मूल प्रकृति को नष्ट, विरूपित, नष्ट किए बिना" किया जाना चाहिए.

सर्वेक्षण महानिदेशक या अतिरिक्त महानिदेशक की अध्यक्षता में एएसआई के कम से कम पांच वरिष्ठतम अधिकारियों की एक विशेषज्ञ समिति के नेतृत्व में किया जाना चाहिए और रिपोर्ट छह सप्ताह के भीतर अदालत को सौंपी जानी चाहिए.

आदेश में कहा गया है, "उक्त विशेषज्ञ समिति में दोनों प्रतियोगी समुदायों के अधिकारियों (यदि उक्त पद और रैंक उपलब्ध हो) का प्रतिनिधित्व करने का प्रयास किया जाना चाहिए." पीठ ने कहा कि, रिपोर्ट मिलने के बाद वह दैनिक पूजा के अधिकार की बहाली के याचिकाकर्ता के दावे पर सुनवाई करेगी. कोर्ट कमाल मौला मस्जिद के वक्फ की जांच के मामले पर भी सुनवाई करेगा.

Source :

madhya-pradesh ASI Dhar Bhojshala Temple-mosque survey Indore bench
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