जामिया दंगों (Jamia Violence) के आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसे अदालत में पेश किया गया. अदालत ने 31 मई 2020 तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. पुलिस ने बताया कि शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में अबुल फजल एन्क्लेव का रहने वाले आसिफ इकबाल तन्हा छात्र इस्लामिक संगठन का सदस्य है और जामिया समन्वय समिति का हिस्सा था, जिसने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. आसिफ फारसी भाषा में बीए तृतीय वर्ष का छात्र है।
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31 मई तक भेजा गया जेल
आसिफ इकबाल तन्हा की गिरफ्तारी और उसे जेल भेजे जाने की पुष्टि आईएएनएस से रविवार रात दिल्ली पुलिस प्रवक्त एसीपी अनिल मित्तल ने की. पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, 'आसिफ इकबाल तन्हा को 16 दिसंबर 2019 को थाना जामिया नगर में दर्ज एफआईआर नंबर 298/19 के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. आसिफ इकबाल तन्हा नामजद आरोपी था.' आरोपी को साकेत स्थित मेट्रो पॉलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 31 मई 2020 तक के लिए उसे जेल भेज दिया गया. पुलिस के मुताबिक, आरोपी अबुल फजल इन्क्लेव, शाहीन बाग इलाके में रह रहा था. 24 साल का यह आरोपी जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का पर्सियन भाषा का बीए थर्ड इअर का छात्र है. पुलिस की छानबीन में ही इस बात का खुलासा हुआ कि आसिफ इकबाल तन्हा स्टूडेंट्स इस्लामिक आर्गेनाइजेशन का भी सक्रिय सदस्य है.
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जामिया हिंसा भड़काने में आया नाम
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 'आसिफ तन्हा जेसीसी का भी सक्रिय सदस्य है. दिसंबर 2019 में इसकी ऑर्गेनाइजेशन ने जामिया में जो विरोध प्रदर्शन और हिंसा फैलाई उसमें भी इसकी प्रमुख भूमिका थी. पता चला है कि यह उमर खालिद, शरजील इमाम, मीराना हैदर और शफूरा का भी बेहद करीबी और विश्वासपात्र था. इन सबने मिलकर सीएए के विरोध में हिंसा भड़काने में अहम भूमिका अदा की थी.'
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फरवरी में दिल्ली में भड़की थी हिंसा
नागरिकता कानून के समर्थक और विरोध के मद्देनजर बीती 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इस हिंसा में करीब 53 लोगों की मौत हो गई थी और 250 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही दंंगों के दौरान कई मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया। दंगों की चपेट में आने से दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई थी। वहीं, दंगाईयों ने आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दिया था.
Source : News Nation Bureau