2007 के समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में एनआईए कोर्ट ने मुख्य आरोपी असीमानंद समेत चार आरोपियों को बरी कर दिया है. इस धमाके में 70 लोगों की मौत हुई थी और उन्हें एनआईए ने इसमें साजिश रचने के आरोप में असीमानंद को गिरफ्तार किया था. पंचकूला की एनआईए कोर्ट ने असीमानंद समेत सभी आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया. बता दें कि यह ब्लास्ट होने के बाद असीमानंद को गिरफ्तार किया गया था और करीब 6 साल बाद उन्हें जमानत मिली थी.
कौन हैं असीमानंद
असीमानंद का जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में हुआ था उनके पिता देश के स्वतंत्रता सेनानी रह चुके थे. असीमानंद अपने 6 भाई-बहनों में से एक थे. छात्र जीवन में ही असीमानंद राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानि की आरएसएस से जुड़ गए थे.
फिजिक्स में स्नातक करने के बाद असीमानंद साल 1977 में आरएसएस के फुल टाइम प्रचारक बन गए थे. असीमानंद को ये नाम उनके गुरु स्वामी परमानंद ने दिया था. असीमानंद 1988 तक अपने गुरु के साथ बर्धवान में ही रहते थे .
उसके बाद असीमानंद अंडमान निकोबार में चल रहे वनवासी कल्याण आश्रम की देख रेख के लिए वहां चले गए जहां उन्होंने एक हनुमान मंदिर की भी स्थापना की थी. साल 1993 में अंडमान निकोबार से लौटकर असीमानंद गुजरात पहुंच गए जहां वो स्थानीय आदिवासियों के कल्याण के लिए काम करने लगे और वहीं पर वो रामायण की सबरी की कहानियों से प्रेरित होकर सबरी मंदिर बनाया.
2007 में राजस्थान के अजमेर शरीफ में हुए ब्लास्ट केस में जब राजस्थान एटीएस ने देंवेंद्र गुप्ता नाम के शख्स को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की तो उसने एटीएस को बताया कि इसके लिए उसे असीमानंद और सुनील जोशी नाम के शख्स ने अजमेर शरीफ और हैदराबाद के मक्का मस्जिद में ब्लास्ट करने के लिए उसपर दबाव डाला था.
उसी वक्त राजस्थान एटीएस के रडार पर आए असीमानंद को 19 नवंबर 2010 को सीबीआई ने उसके हरिद्वार आश्रम से, अजमेर शरीफ, मक्का मस्जिद और समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. असीमानंद पर मालेगांव ब्लास्ट में भी शामिल होने के आरोप हैं.
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट से जुड़ी 10 बड़ी बातें
1. 19 फरवरी 2007 को दिल्ली से पाकिस्तान जा रही समझौता एक्सप्रेस में हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग इलाके में ट्रेन में विस्फोट हुआ था
2.ट्रेन में ब्लास्ट होने से करीब 68 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे
3.पुलिस ने 37 शवों की पहचान की थी जिसमें 30 लोग पाकिस्तानी थे
4.मरने वालों में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी लोग शामिल थे. जांच के दौरान ट्रेन में विस्फोटक भी बरामद हुए थे
5.मामले की जांच पहले हरियाणा पुलिस और जीआरपी ने मिलकर की थी लेकिन जांच में सफलता नहीं मिलने के बाद साल 2011 में केस एनआईए को सौंप दी गई थी
6.समझौता ब्लास्ट केस में एनआईए ने असीमानंद समेत दो लोगों को धमाके का मुख्य आरोपी बनाया था जिसमें एक आरोपी सुनील जोशी की पहले ही मौत हो चुकी है
7.असीमानंद पर अजमेर शरीफ, हैदराबाद के मक्का मस्जिद, समझौता एक्सप्रेस और मालेगांव में धमाके में शामिल होने के आरोप में सीबीआई ने उन्हें 19 नवंबर 2010 को हरिद्वार से गिरफ्तार किया था
8.समझौता ब्लास्ट केस में कुल 299 गवाह हैं, जिनमें 8 पाकिस्तान भी शामिल हैं. अभी तक केस में 174 लोगो की गवाही ली जा चुकी है.
9.समझौता ब्लास्ट पाकिस्तान के तात्कालिक विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के भारत दौर से ठीक एक दिन पहले हुआ था
10.इस मामले में अबतक 17 गवाह अपने बयान से पलट चुके हैं.
Source : News Nation Bureau