असम-मिजोरम सीमा विवाद (assam mizoram border dispute) सुलझता दिखाई दे रहा है. दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों की गुरुवार यानी आज बैठक हुई. बैठक के बाद असम और मिजोरम ने एक संयुक्त बयान जारी किया. बयान में कहा गया है, दोनों सरकार इस बात पर सहमत है कि गृह मंत्रालय और मुख्यमंत्रियों के द्वारा तनाव को कम करने की बात कही थी उसको आगे बढ़ाएंगे. राज्य की सीमा पर तनाव कम होंगे और बातचीत के रास्ते विवाद को सुलझाएंगे. साझा बयान में आगे कहा गया है कि दोनों राज्य सीमा पर शांति के लिए केंद्र सरकार की तरफ से तैनात किए गए फोर्स का स्वागत करते हैं.
इसके साथ ही दोनों राज्य बॉर्डर एरिया में अपने सुरक्षाकर्मियों को जहां हिंसा हुई थी नहीं भेजेंगे. इसके अलावा दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों ने कहा कि शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए तमाम तरह के कदम उठाए जाएंगे.
असम के मंत्री अशोक सिंघल और अतुल बोरा असम-मिजोरम सीमा मुद्दे पर चर्चा में शामिल हुए. असम की तरफ से अशोक सिंघल और अतुल बोरा आइजोल में मिजोरम सरकार के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल मिलकर सीमा विवाद पर चर्चा की.
बैठक से पहले बोरा ने कहा कि हम (बातचीत के) आशान्वित हैं. असम पूर्वोत्तर के लोगों के बीच एकता और भाईचारे की भावना को बनाए रखना चाहता है.
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असम और मिजोरम में पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कोशिश की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद दोनों ही पक्षों ने आपसी तनाव कम करने के लिए बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया.
बता दें कि दोनों राज्यों के बीच बातचीत आज सुबह 11 बजे आइजल क्लब में हुई. दरअसल, बीते 26 जुलाई को सीमा विवाद के दौरान मिजोरम के कोलासिब जिले के वायरेंग्टे कस्बे में दोनों पक्षों के लोग और पुलिसबल एक दूसरे के आमने-सामने आ गए थे. इस हिंसक संघर्ष में असम के छह पुलिसकर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई थी. जबकि 50 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे.
HIGHLIGHTS
- सीमा विवाद पर असम-मिजोरम की सरकारों का साझा बयान
- सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए बातचीत की जाएगी
- सीमा पर केंद्र की तरफ से भेजे गए सेना की तैनाती होगी
Source : News Nation Bureau