प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन और अफवाहों से दूर रहने की अपील के बावजूद असम में हालात काबू में नहीं आ रहे हैं और हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है. हालात बेकाबू होते देख असम में सेना की तैनाती का फैसला लिया गया है. आर्मी की 26 कंपनियों को असम के लिए रवाना किया गया है. हिंसा और प्रदर्शन रोकने में नाकाम पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है. हिंसा को रोकने के लिए कुछ जगहों पर पुलिस को गोली भी चलानी पड़ी है. पीएम की अपील के बाद असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. इससे पहले असम समेत पूर्वोत्तर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस की 12 अतिरिक्त कंपनियां गुरुवार को कश्मीर से रवाना हो गईं. इस बीच कैब के विरोध की आंच शिलांग तक पहुंच जाने से वहां भी कर्फ्यू लगा दिया गया है.
शाह का शिलांग दौरा रद्द
उत्तर पूर्व राज्यों के बेकाबू हालात के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपना शिलांग दौरा रद्द कर दिया है. उन्हें रविवार को नॉर्थ ईस्ट पुलिस अकेडमी के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचना था. अब उनका यह दौर रद्द कर दिया गया है.
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पीएम नरेंद्र मोदी का कांग्रेस पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप
नागरिकता संशोधन अधिनियम पर असम समेत पूर्वोत्तर में विरोध बढ़ता ही जा रहा है. यह तब है जब बुधवार को राज्यसभा में विधेयक पेश करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने साफतौर पर कहा था कि असम के मूल नागरिकों की संस्कृति उनकी परंपराओं और साहित्य को बदलने की कोई योजना नहीं है. इसके बाद गुरुवार को एक चुनावी सभा में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो-टूक कहा कि असम की सांस्कृतिक विविधता को अक्षुण्ण रखने के लिए केंद्र कोई समझौता नहीं कर रहा है. पीएम मोदी ने तो साफतौर पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर अफवाह फैला पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा फैलाने का आरोप लगाया. यह अलग बात है कि इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध के चलते सही बात लोगों तक पहुंच नहीं पा रही है. इसके चलते राज्य सरकार को कई और ऐहतियाती उपाय अपनाने पड़े हैं.
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इंटरनेट पर 48 घंटे बढ़ा प्रतिबंध
कैब के खिलाफ लगातार हो रहे प्रदर्शन के बाद गुवाहाटी में बुधवार रात अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था. इसके साथ ही 4 स्थानों पर सेना के जवानों को तैनात किया गया है, जबकि बुधवार को त्रिपुरा में असम राइफल्स के जवानों को तैनात भी किया गया था. बता दें कि पूर्वोत्तर में असम और त्रिपुरा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है. असम में इंटरनेट सेवाओं को अगले 48 घंटे के लिए और बैन कर दिया गया है.
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सेना मुस्तैद
असम के बोंगाईगांव जिले और कंचनपुर (राधानगर जिले) और त्रिपुरा में मनु (ढालई जिले) में सेना पूरी तरह मुस्तैद है. रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल पी खोंगसाई ने कहा, 'फील्ड कमांडर और सेना मुख्यालय स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.' असम सरकार ने सेना से मदद मांगी थी. इसके बाद सेना की 5 कॉलम तैनात की गई है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो