लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से असम में बाढ़ (Assam Flood 2022) की हालत शनिवार को और खराब हो गई. उफनती नदियों और विकराल होती बाढ़ की वजह से शनिवार को चार लोगों की मौत हो गई, जिससे राज्य में अब तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 18 हो पहुंच गई है. इस वक्त असम के 34 जिलों में से 32 जिलों के 8.39 लाख से अधिक लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अधिकारियों के मुताबिक राज्य के सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित जिला कछार में 2, नागांव और होजई जिलों में 1-1 ताजा मौतें हुई हैं, जबकि कछार जिले में एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है. सूबे में बाढ़ से सड़क और रेल यातायात भी बुरी प्रभावित हुआ है. फिलहाल राज्य से गुजरने वाली 11 जोड़ी ट्रेनें रद्द की गई है.
बाढ़ में फंसे 24,749 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
एएसडीएमए की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि 32 जिलों के 3,246 गांवों के 1,45,126 बच्चों सहित 8,39,691 लोग बाढ़ की जद में हैं. आपदा प्रतिक्रिया बलों और स्वयंसेवकों की मदद से कुल 24,749 फंसे हुए लोगों को निकाला गया है. सभी प्रभावित क्षेत्रों में 499 राहत शिविर और 519 राहत वितरण केंद्र बनाए गए हैं. इस राज्यभर में बनाए गए राहत शिविरों में 92,124 लोग रह रहे हैं. गौरतलब है कि बाढ़ से फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. प्रशासन के मुताबिक 1,00,732 हेक्टेयर से अधिक फसल प्रभावित हुई है.
ये 5 जिले हैं सबसे ज्यादा प्रभावित
सेना, असम राइफल्स, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, जिला प्रशासन के साथ मिलकर फंसे हुए लोगों को बचाने और उन्हें राहत देने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. राज्य में सबसे अधिक प्रभावित स्थानों में अकेले नागांव जिले में 3,39,427, कछार जिले में 1,77,954, होजाई जिले में 70,233, दरांग जिले में 44,382 और करीमगंज जिले में 16,382 लोग बाढ़ की जद में हैं.
खतरे के निशान से ऊपर बह रही है 3 नदियां
राज्य की तीन नदियों कोपिली, दिसांग और ब्रह्मपुत्र का पानी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. बाढ़ और भूस्खलन को देखते हुए मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ ने शनिवार को एएसडीएमए सहित सभी हितधारकों के साथ बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने गंभीर रूप से प्रभावित जिलों में अतिरिक्त संसाधनों और सहायता प्रणाली को तैनात करके सहायता सेवाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए.
बचाव और राहत कार्यों की निगरानी के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में मंत्रियों ने डाला डेरा
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन, स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत, जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका और पर्यावरण एवं वन मंत्री परिमल सुकलाबैद्य सहित कई मंत्री बचाव और राहत कार्यो की निगरानी के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में डेरा डाले हुए हैं. दीमा हसाओ जिले में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के पहाड़ी खंड में स्थिति शनिवार को गंभीर बनी रही, क्योंकि क्षेत्र में बारिश जारी रही, जिससे लुमडिंग-बदरपुर सिंगल लाइन रेलवे मार्ग प्रभावित हुआ. इससे त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और दक्षिणी असम का हिस्सा देश के बाकी हिस्सों से कट गया. इस बीच रक्षा प्रवक्ता, लेफ्टिनेंट कर्नल अंगोम बोबिन सिंह ने कहा कि सेना और असम राइफल्स के जवानों ने असम के विभिन्न हिस्सों में बचाव अभियान जारी रखा है.
11 जोड़ी ट्रेनें हुई रद्द
एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, सब्यसाची डे के अनुसार, लुमडिंग डिवीजन में 11 जोड़ी ट्रेन सेवाओं को रद्द कर दिया गया है और पांच जोड़ी ट्रेन सेवाओं को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया है और शॉर्ट टर्मिनेट या शॉर्ट ओरिजिन किया गया है.
HIGHLIGHTS
- बाढ़ में फंसे 24,749 लोगों को राहत कर्मियों ने निकाला सुरक्षित
- राज्य में 499 राहत शिविर व 519 राहत वितरण केंद्र बनाए गए
- 1,00,732 हेक्टेयर से अधिक इलाके की फसलें हुई प्रभावित