असम के दीमा हासाओ में प्रदर्शनकारियों पर हुई पुलिसिया कार्रवाई के बाद हुए बवाल के मद्देनजर पूरे इलाके में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। नए जिले के कथित प्रस्ताव के विरोध में प्रदर्शन कर रहे दो लोगों की गुरुवार को पुलिस फायरिंग में मौत हो गई थी। जिसके बाद तनाव और अधिक बढ़ गया है।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा, 'कर्फ्यू अभी भी जारी है। स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है। लेकिन पिछले 24 घंटे में कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई है।'
क्यों हुआ बवाल?
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एक नेता जगदंबा माल ने 25 जनवरी को कथित तौर पर नगा शांति समझौते के लिए ड्राफ्ट रिलीज किया है। इस ड्राफ्ट में असम के दिमा हसो जिले को नगालिम का हिस्सा दिखाया गया है। इसी के बाद से स्थानीय लोग सड़कों पर हैं।
साथ ही लोगों के भड़कने का एक कारण यह भी है कि पूरे जिले में अफवाह फैली है- केंद्र सरकार ने कथित तौर पर जिले में नागा साधुओं के लिए एक परिषद का गठन किया है। अफवाह उड़ने के बाद कुछ संगठन लगभग एक सप्ताह से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
और पढ़ें: NDA से अलग हो सकती है टीडीपी, चंद्रबाबू नायडू ने दिए संकेत
मैबोंग में आंदोलनकारियों ने सुरक्षा बलों और रेलवे स्टेशन पर हमला कर पुलिस को गोली चलाने पर मजबूर कर दिया था। इस झड़प में नौ आंदोलनकारी और कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। गोलीबारी में घायल हुए दो आंदोलनकारियों की शुक्रवार को मौत होने के बाद आंदोलन और उग्र हो गया।
प्रदर्शनकारी डिप्टी कमिश्नर और जिलाधिकारी को तत्काल निलंबित करने की मांग कर रहे हैं। आपको बता दें कि राज्य सरकार ने हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।
मंत्रियों का हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा
शनिवार को असम के जल संसाधन मंत्री केसब महंता और लोक निर्माण मंत्री ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। वहीं उल्फा के एक समूह ने प्रदर्शनकारियों के समर्थन में इलाके के दौरान किया।
शनिवार को क्या-क्या हुआ?
असम के दीमा हासाओ में शनिवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। जिसके कारण हाफलोंग रेलवे स्टेशन पर कम से कम 1,100 यात्री फंस गए हैं।
दीमा हसाओ के उपायुक्त देवा ज्योति हजारिका ने कहा कि प्रदर्शकारियों ने रेल पटरियां क्षतिग्रस्त कर दी हैं, जिसके कारण स्टेशन पर फंसे यात्रियों को उनके गंतव्य तक नहीं पहुंचाया जा सका।
प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को गुवाहाटी जाने वाली सिलचर-गुवाहाटी तेज पैसेंजर रेलगाड़ी को न्यू हाफलोंग रेलवे स्टेशन पर रोक लिया। उसके बाद से ही सारे यात्री वहीं फंसे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि स्टेशन पर फंसे यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए उन्होंने 25 बसों के लिए आग्रह किया है। प्रदर्शनकारियों ने बसों को हालांकि न्यू हाफलोंग नहीं आने दिया।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने यात्रियों के लिए भोजन, पेयजल, दवाइयां और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि फंसे हुए यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
और पढ़ें: AAP के पूर्व विधायक ने कहा, मनोज तिवारी हैं 'नचनिया अध्यक्ष'
Source : News Nation Bureau