NRC मुद्दे को लेकर असम के भारतीय जनता पार्टी के नेता और वित्तमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने केंद्र सरकार पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि अभी असम में और भी बहुत कुछ सामने आना बाकी है. असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वह राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर सारी उम्मीदें छोड़ चुके हैं क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार विदेशियों को राज्य से बाहर करने के नए तरीकों पर चर्चा कर रही हैं. अंतिम एनआरसी सूची जारी होने से पहले शर्मा ने कहा, 'मैंने एनआरसी को लेकर सभी उम्मीदें खो दी हैं. मैं बस चाहता हूं कि दिन बिना किसी बुरी घटना के शांति से गुजर जाए.'
Himanta Biswa Sarma, Finance Minister of Assam on National Register of Citizens: Assam state BJP and govt are of the opinion that the NRC prepared under the supervision of Supreme Court by State Coordinator Prateek Hajela has failed to fulfill the aspirations the people of Assam. pic.twitter.com/jyIGSZUWu8
— ANI (@ANI) November 20, 2019
इतना ही नहीं असम के वित्तमंत्री ने आगे कहा कि, 'दिल्ली और असम सरकार विदेशियों को राज्य से बाहर निकालने के लिए नए तरीकों पर चर्चा कर रही हैं. मुझे नहीं लगता कि यह अंतिम सूची है, अभी और भी बहुत कुछ सामने आना बाकी है.'
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इसके पहले एआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने एनआरसी पर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि बीजेपी को सबक सीखना चाहिए, उन्हें हिंदू और मुस्लिम के आधार पर देशभर में एनआरसी की मांग को बंद कर देना चाहिए. उन्हें सीखना चाहिए कि असम में क्या हुआ. असम में अवैध घुसपैठियों का भ्रम टूट गया है. ओवैसी ने आगे कहा कि मरी आशंका है कि आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी नागरिकता संशोधन बिल के जरिए ऐसा बिल ला सकती है जिससे सभी गैर इस्लामिक लोगों को नागरिकता दी सकती है. अगर बीजेपी ऐसा करती है तो यह समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा.
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ओवैसी ने आगे कहा कि, असम में एनआरसी लिस्ट जारी होने के बाद कई लोगों ने मुझे बताया कि उनके माता-पिता के नाम तो लिस्ट में हैं जबकि बच्चों के नहीं हैं. उदाहरण के तौर पर मोहम्मद सनाउल्लाह भी ऐसी लापरवाही के शिकार हुए हैं आपको बता दें कि सनाउल्लाह ने भारतीय सेना में काम किया है. असम में एनआरसी लिस्ट जारी होने के बाद से उनका मामला हाई कोर्ट में लंबित है. ओवैसा ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि सनाउल्लाह को एनआरसी मामले में हाई कोर्ट से उचित न्याय मिलेगा.
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आपको बता दें कि 31 अगस्त को असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई थी. गृह मंत्रालय ने फाइनल लिस्ट की सूची जारी की थी. एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया कि 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार लोगों का एनआरसी की फाइनल लिस्ट में जगह मिली और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया. जो लोग इससे संतुष्ट नहीं है, वे फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के आगे अपील दाखिल कर सकते हैं.