असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की लिस्ट जारी होने के बाद आज (बुधवार) चुनाव आयोग ने बड़ा बयान दिया है।
चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से नाम हटने का मतलब यह नहीं है कि यह सभी नाम मतदाता सूची से भी हट जाएंगे।
आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ओ. पी. रावत ने कहा,'यह एनआरसी पर तैयार किया गया मसौदा है। इसके बाद अगले एक महीने में इन सभी 40 लाख लोगों को उनका नाम शामिल नहीं किए जाने का कारण बताया जाएगा।'
उन्होंने साफ किया कि इस मसौदे में नाम नहीं होने का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं निकाला जा सकता कि इन लोगों का नाम मतदान सूची से स्वत: कट जाएगा।
रावत ने कहा कि जिन लोगों के नाम एनआरसी से हटाए गए हैं, वो सभी इस पर ट्राइब्यूनल में अपनी आपत्ति और दावे दायर कर सकेंगे। इनके निस्तारण के बाद एनआरसी का अंतिम मसौदा जारी किया जाएगा।
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गौरतलब है कि असम में हाल ही में NRC की अंतिम लिस्ट जारी की गई है जिसमें लगभग 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस बात को साथ ही में यह भी स्पष्ट किया कि मतदाता सूची और एनआरसी बनाने का काम अलग-अलग है लेकिन अधिकारी इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं।
रावत ने कहा कि चुनाव आयोग की मुहिम का मकसद है कि कोई मतदाता छूट न जाए।
इसी उद्देश्य के तहत असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से एनआरसी संयोजक के साथ करीबी तालमेल बनाकर 2019 के लिए मतदाता सूचियों की समीक्षा की जा रही है।
इसके आधार पर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए 4 जनवरी 2019 को मतदाता सूची का अंतिम मसौदा जारी किया जाएगा।
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Source : News Nation Bureau