अगले साल की शुरुआत में देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कभी भी बिगुल फूंका जा सकता है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब और गोवा में साल 2022 की पहली छमाही में ही विधानसभा चुनावों को संपन्न करवाया जाना है. सभी पांच चुनावी राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 15 मार्च से 14 मई के बीच खत्म हो रहा है. इसलिए आयोग की कोशिश 15 मार्च 2022 तक सभी राज्यों में चुनाव संपन्न करा देने की रहेगी. कानून के मुताबिक चुनाव आयोग विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के छह महीने पहले तक कभी भी चुनाव करा सकता है. इसलिए चुनाव आयोग पांच राज्यों में चुनाव लेकर कभी भी सिलसिलेवार तरीके से अधिसूचनाएं जारी कर सकता है. ऐसे संकेत मिले हैं कि चुनाव के कार्यक्रमों का ऐलान जल्दी हो सकता है. अंतिम चरण की तैयारियों का आकलन करने के लिए चुनाव आयोग बुधवार से इन चुनावी राज्यों का दौरा शुरू करने वाला है. पंजाब से आयोग के दौरे की शुरुआत हो रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडेय इस हफ्ते पंजाब, अगले हफ्ते गोवा और उसके बाद उत्तराखंड के दौरे पर जा सकते हैं. उत्तर प्रदेश के दौरे के लिए चुनाव आयोग की तारीखें अभी तय होने की जानकारी सामने नहीं आई हैं. आयोग के सूत्रों के मुताबिक चर्चा है कि उत्तराखंड दौरे के बाद चुनाव आयोग की टीम वहां भी जा सकती है. चुनाव आयोग के सदस्य चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले इन चुनावी राज्यों की तैयारियों को परखेंगे.
जनवरी के पहले सप्ताह तक आएगी अपडेटेड मतदाता सूची
विश्वसनीय स्त्रोतों से इस बात के पुख्ता संकेत मिल रहे हैं कि चुनाव आयोग जनवरी 2022 की शुरुआत में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. चुनाव आयोग ने पांच राज्यों को मतदाता सूची के प्रकाशन के लिए एक जनवरी की तारीख तय की है. चुनाव की तारीख का ऐलान करने से पहले आयोग संशोधित मतदाता सूची का इंतजार करता है. हालांकि यह अनिवार्य शर्त नहीं है. आयोग की सलाह पर कुछ राज्यों ने एक जनवरी तक संशोधित मतदाता सूची प्रकाशित करने की बात कही है. वहीं, उत्तर प्रदेश में भी पांच जनवरी तक सुधारों के बाद मतदाता सूची के प्रकाशन होने की उम्मीद जताई जा रही है.
चुनावी की तारीखों पर ऐसे फैसले लेता है चुनाव आयोग
चुनावी राज्यों में तैयारियों को लेकर आयोग की टीम समीक्षा करती है. तारीखों के ऐलान से पहले आयोग राज्यों में जा कर प्रशासनिक और व्यवहारिक जानकारियां अपडेट करता है. इसमें विभिन्न परीक्षाएं, स्थानीय त्योहार, मौसम की हालत, फसल चक्र, लॉ एंड ऑर्डर की हालत, इसके मुताबिक केंद्रीय बलों की जरूरत, कोरोना प्रोटोकॉल्स और राजनीतिक दलों के चुनाव संबंधी चिंताओं को सुना जाता है. इसके बाद गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकर केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बारे में जानकारी ली जाती है. आयोग इन बैठकों में हुए विचार-विमर्श के आधार पर चुनाव की तारीखों, चरणों और बाकी इंतजामों को लेकर अपने निर्णय करता है.
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उत्तर प्रदेश में फरवरी-मार्च में वोटिंग
रिपोर्ट के आधार पर सबसे बड़े चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में फरवरी महीने में विधानसभा चुनाव की शुरुआत हो सकती है. और एक महीने के अंदर इसे 6 से 8 फेज में पूरा कराया जा सकते है. पिछली बार यानी साल 2017 में यूपी समेत पांच राज्यों के लिए 6 जनवरी को चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया था. वहीं, यूपी में सात चरणों में चुनाव करवाए गए थे.
HIGHLIGHTS
- आयोग की कोशिश 15 मार्च 2022 तक 5 राज्यों में चुनाव संपन्न करा देने की रहेगी
- चुनाव आयोग बुधवार से इन 5 चुनावी राज्यों का दौरा शुरू करने वाला है
- चुनाव आयोग जनवरी 2022 की शुरुआत में तारीखों का ऐलान कर सकता है