प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और उनके कई कैबिनेट सहयोगी उनकी पहली पुण्यतिथि पर नई दिल्ली में बीजेपी (BJP) के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी. इसी के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को नमन करते हुए सदैव अटल स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की. सबको साथ लेकर चलने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि है.
Delhi: President Ram Nath Kovind & Prime Minister Narendra Modi pay tribute to former PM #AtalBihariVajpayee , on his first death anniversary at 'Sadaiv Atal' - the memorial of Atal Bihari Vajpayee. pic.twitter.com/2gSFy65idL
— ANI (@ANI) August 16, 2019
भारत के पूर्व प्रधान मंत्री और देश के सबसे बड़े नेताओं में से एक, वाजपेयी ने 16 अगस्त, 2018 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली थी.
Delhi: Prime Minister Narendra Modi arrives at 'Sadaiv Atal' - the memorial of former PM #AtalBihariVajpayee, on his first death anniversary today. pic.twitter.com/KjJtmrF4D6
— ANI (@ANI) August 16, 2019
अटल जी को उनकी बेटी नमिता कौर भट्टाचार्य और उनकी पोती निहारिका ने भी सदैव अटल स्थल पर दी श्रद्धांजलि.
Delhi: Late #AtalBihariVajpayee's daughter Namita Kaul Bhattacharya and granddaughter Niharika pay tribute to former Prime Minister at 'Sadaiv Atal', on his first death anniversary today. pic.twitter.com/4GG1nIONtM
— ANI (@ANI) August 16, 2019
पूर्व प्रधानमंत्री को केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Union Minister Amir Shah), बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा (BJP National working president J. P. Nadda) और कई बड़े बीजेपी (BJP) नेताओं ने नमन किया.
भारत रत्न से सम्मानित, राजनीति में बहुत कम लोगों में से एक, वाजपेयी ने 1957 में दूसरे आम चुनाव में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से लोकसभा में प्रवेश किया और 47 वर्षों तक सांसद रहे. वह 11 बार लोकसभा के लिए चुने गए और दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे. 1924 में क्रिसमस के दिन एक शिक्षक के परिवार में पूर्व प्रधानमंत्री ने जन्म लिया और एक दिन प्रधानमंत्री तक बनें.
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अटल जी के व्यक्तित्व की सबसे खास बात थी कि वो सभी को साथ लेकर चलते थे और अपने भाषण में शब्दों के चयन को लेकर उन्हें सबसे सम्मान मिलता था. अटल जी के भाषण में ऐसी बात थी कि विपक्ष भी उनके भाषण को बहुत ही ध्यान से सुनता था.
राजनीति में बीजेपी नेता का संघर्ष लंबे समय तक जारी रहा और 1975 के आपातकाल के दौरान, वाजपेयी हजारों कैद में थे. वह जनता पार्टी का भी हिस्सा थे जो आपातकाल हटाने के बाद 1977 के आम चुनावों में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता में लाने के लिए बह गए थे.
वाजपेयी के विरोधी थे और उनके दुश्मन नहीं थे. यहां तक कि उन्होंने इंदिरा गांधी को मां दुर्गा बताया और अपनी ही पार्टी के सहयोगियों से व्यापक निंदा की.
HIGHLIGHTS
- पीएम मोदी और राष्ट्रपति कोविंद ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को किया नमन.
- वाजपेयी जी ने वाजपेयी ने 16 अगस्त, 2018 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली थी.
- अटल स्थल पर बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने दी श्रद्धांजलि.