देश भर में स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले को लेकर मोदी सरकार के अध्यादेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को अपनी मुहर लगा दी. इसके साथ ही यह अध्यादेश आज से देश भर में कानून का रूप ले लेगा. महामारी रोग अध्यादेश, 2020 को मंजूरी के साथ ही अब देश भर में स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला गैर जमानती अपराध हो गया है. इस मामले में अब नियत 30 दिन में जांच पूरी होगी और दोषियों को एक साल में सजा भी मिल जाएगी.
गौरतलब है कि कोविड-19 का ईलाज कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ पर लगातार हमलों की खबर आ रही थी. लगातार बढ़ती घटनाओं के विरोध में डॉक्टरों ने मंगलवार और बुधबार को विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया था. लेकिन गृह मंत्री के हस्तक्षेप और डॉक्टरों से वार्ता के बाद सरकार ने इन हमलों को रोकने के लिये कानून में संशोधन का फैसला लिया.
यह भी पढ़ें: यह निश्चित तौर पर बहुत ही अलग रमजान होगा, यूएन महासचिव ने रमजान संदेश में कहा
बुधबार को कैबिनेट ने इस संदर्भ में अध्यदेश लाने को मंजूरी दी और गुरुवार को राष्ट्रपति ने इस पर अपनी मंजूरी दे दी.
सराकर के इस फैसले से 1897 से चले आ रहे महामारी कानून में बदलाव का हो गया है. अब कोरोना वॉरियर्स पर हमला गैर-जमानती होगा. इस मामले की 30 दिनों में जांच पूरी होगी और एक साल में फैसला आएगा.
यह भी पढ़ें: 60 साल के जमाती समेत अलग-अलग क्वारंटीन केंद्रों से 36 लोग गायब, इनमें कुछ नेपाली भी
हमले के मामले में 3 महीने से 5 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इस मे जुमार्ने का प्रावधान किया गया है। इसमें 50 हजार से लेकर 2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है । साथ ही अगर डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ पर हमला गंभीर हुआ तो इस मामले में 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।