पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कथित हमले को आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. भाजपा ने इसे मतदाताओं की सहानुभूति बटोरने का एक राजनीतिक स्टंट करार दिया है. पार्टी ने सवाल किया कि इतनी सुरक्षा के बावजूद ऐसा कैसे हो सकता है. बुधवार शाम को, बनर्जी ने दावा किया कि नंदीग्राम में उन पर हमला किया गया था, जहां वह विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने गई थीं. बीजेपी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री बनर्जी को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है. उनके सुरक्षा में 18 वाहन हैं जिनमें चार पायलट कार, अन्य वाहन और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति शामिल है.
पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पूछा, सवाल यह है कि इतनी सुरक्षा के बावजूद यह घटना कैसे हो सकती है? ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने दावा किया कि प्रत्यक्षदर्शियों ने बनर्जी के दावे का खंडन किया है कि उनपर हमला किया गया था. पश्चिम बंगाल बीजेपी ने कहा, क्या ममता बनर्जी पर किया गया हमला फर्जी था? चश्मदीद तो इसी ओर इशारा करते हैं. एक अन्य ट्वीट में, पश्चिम बंगाल बीजेपी ने कहा, कोई भी प्रत्यक्षदर्शी 'हमले' की पुष्टि नहीं कर रहा है. नंदीग्राम के लोग उन्हें दोष देने और विवाद पैदा करने के लिए उनसे नाराज हैं. बनर्जी स्पष्ट रूप से नंदीग्राम में अपनी संभावनाओं को लेकर घबरा रही हैं और अब लोगों का भी विश्वास खो दिया है.
जाकिर हुसैन पर बम से हमला
पिछले महीने मुर्शिदाबाद के निमटीटा रेलवे स्टेशन पर ममता सरकार में मंत्री जाकिर हुसैन पर बम से जानलेवा हमला किया गया. इस हमले में जाकिर के अलावा जंगीपुरा से विधायक समेत 13 लोग भी घायल हुए थे. इस हमले की वीडियो भी सामने आई थी. फिलहाल जाकिर हुसैन का इलाज चल रहा है.
मई 2019 में बाल-बाल बचे थे अमित शाह
साल 2019 में कोलकाता गए अमित शाह के रोड शो के दौरान बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं की भिड़ंत हो गई थी. इस दौरान अमित शाह बाल-बाल बच गए थे. आलम यह था कि भिडंत के दौरान ईश्वरचंद विद्यासागर की प्रतिमा भी खंडित हो गई थी. अमित शाह प्रतिमा का अनावरण करने गए थे.
पिछले साल दिसंबर में नड्डा के काफिले पर बड़ा हमला
पिछले साल दिसंबर में बंगाल दौरे पर गए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर बड़ा हमला किया गया. हमला इतना जबरदस्त था कि जेपी नड्डा की गाड़ी के शीशे भी टूट गए थे. इस दौरान टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने नड्डा को काले झंडे दिखाए और वापस जाओ के नारे भी लगाए. इस हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से रिपोर्ट भी तलब की थी और कई अधिकारियों को दिल्ली बुलाया था.
कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी पर पत्थरबाजी
पिछले साल बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बंगाल प्रभारी कैलाश विजय वर्गीय की गाड़ी पर डायमंड हार्बर में प्रदर्शनकारियों ने पत्थर मारे. पत्थरबाजी की इस घटना में विजयवर्गीय और उनके स्टाफ ने मुश्किल से खुद को बचाया. विजयवर्गीय की गाड़ी पर पत्थर तब फेंके गए जब वे दक्षिण 24 परगना जा रहे थे. इसके साथ ही प्रदर्शकारियों ने उस रास्ते को भी बंद करने की कोशिश की जिससे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का काफिला गुजर रहा था.
दिलीप घोष पर कई बार हुए हमले
बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष पर कई बार हमले हुए. कभी उनके खाफिले पर हमले हुए तो कभी उन्हें काले झंडे दिखाए गए. पिछले महीने ही उत्तरी चौबीस परगना में बीजेपी की परिवर्तन रैली में हमला हुआ. इस रैली में सांसद अर्जुन सिंह और दिलीप घोष मौजूद थे. बीजेपी ने आरोप लगाया कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने रैली पर देसी बम से हमले किए थे.
बाबुल सुप्रियो के कपड़े फाड़े
साल 2019 के सितंबर महीने में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के साथ कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में धक्का-मुक्की और बदसलूकी हुई. उनपर किया गया हमला इतना जबरदस्त था कि उनके कपड़े भी फांड़ दिए गए. इस घटना के बाद बाबुल सुप्रियो ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी करने के आरोप लगाए थे.
HIGHLIGHTS
- नंदीग्राम में सीएम ममता पर हमला
- बीजेपी ने बताया सहानुभूति स्टंट
- कई नेताओं पर भी हो चुका था हमला