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आवारा कुत्तों के हमले से बचने के लिए पेड़ बनने का नाटक करो..  सरकारी विभाग ने जनता को दी ये सलाह, हुई ट्रोलिंग   

सरकारी विभाग ने सलाह दी है कि यदि कोई गुर्राता हुआ कुत्ता उसके पास आता है तो अपने हाथ बगल में रखकर स्थिर खड़े रहें, सोशल मीडिया पर जमकर हुई ट्रोलिंग

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Mohit Saxena
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stray dog menace

stray dog menace( Photo Credit : social media)

पशुपालन और डेयरी विभाग को आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए एक सोशल मीडिया पोस्ट के लिए ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है. मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत सरकारी विभाग ने कुत्ते के काटने से बचने के लिए एक अनोखा तरीका सुझाया: "पेड़ होने का नाटक करें". एक्स पर एक पोस्ट में, विभाग ने सलाह दी, "यदि कोई गुर्राता हुआ कुत्ता आपके करीब आता है, तो अपने हाथों को अपनी तरफ रखते हुए  एक पेड़ होने का नाटक करें."

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इसमें आगे कहा गया, "कुत्ते को आपको सूंघने दें. बाद में वहां से चला जाएगा." इस सलाह की सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने आलोचना की, जिन्होंने इसकी व्यावहारिकता और प्रभावशीलता पर सवाल खड़े किए. कुछ लोगों ने कहा कि विभाग की सलाह है कि इस मुद्दे को अधिक सरल बनाना है. विभाग भारत में आवारा कुत्तों से जुड़ी बड़ी समस्याओं का हल ढूंढ़ने में विफल रहा है, इसमें टीकाकरण, पंजीकरण और जनसंख्या नियंत्रण उपायों की जरूरत शामिल है. “यह 'आम तौर पर' दूर हो जाएगा. यहां तक ​​कि आप इसकी गारंटी भी नहीं दे सकते कि यह निश्चित रूप से दूर हो जाएगा. एक ने उत्तर दिया, छड़ी या पत्थर अपने पास रखना ही इस खतरे का एकमात्र समाधान है.

यहां कुछ और प्रतिक्रियाएँ हैं:

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"आवारा कुत्ते आज भारत में कोई चीज़ ही नहीं होनी चाहिए." "कम से कम कुत्तों के टीकाकरण के लिए नगर पालिका और निगमों के साथ चिंता व्यक्त करें..पालतू कुत्तों का पंजीकरण करें और उन पर निगरानी रखें..अगर जनसंख्या बढ़ती है तो जिम्मेदारी तय करें."

"एक पेड़ होने का नाटक करो? सच में? और अगर कुत्ता "असामान्य" स्थिति में नहीं चला जाता है तो क्या? सलाद होने का नाटक करो और उसके लिए भोजन बनो?"

देश के कई इलाकों में आवारा कुत्तों का आंतक है. बीते कुछ महीनों कई मामले कुत्तों के हमले से जुड़े हैं. खासकर शहरी इलाकों में आवारा कुत्तों का आतंक चिंता का विषय है. बीते माह उत्तर प्रदेश के देवरिया के करीब आवारा कुत्तों ने एक साल की बच्ची को नोच-नोच कर मार डाला था. उदयपुर जिले में चार साल की बच्ची रेशमा पर भी आवारा कुत्तों के हमले के बाद ऐसा ही हश्र हुआ. यहां से उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. 

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फरवरी में राष्ट्रीय राजधानी में तुखलाक लेन के धोबी घाट इलाके में एक डेढ़ साल की बच्ची पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में एक छह साल का बच्चा अपने स्कूल जा रहा था तो आवारा कुत्तों के एक झुंड ने उसे मार डाला. इसके सरकार ने नगर निकायों के लिए दिशानिर्देश जारी किए. 

Source : News Nation Bureau

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