अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को 14वें दिन की सुनवाई पूरी हो गई है. रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति के वकील पीएन मिश्रा ने दलीलें रखीं. उन्होंने कहा कि विवादित इमारत बाबर ने बनवाई, इसका कोई सटीक प्रमाण नहीं है. उन्होंने बाबरनामा और आइने अकबरी, हुमायूं नामा, तुजुक ए जहांगीरी जैसे ऐतिहासिक पुस्तकों का हवाला दिया.
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रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति के वकील पीएन मिश्रा आगे कहा- इन सब दस्तावेजों में मीर बाकी या विवादित इमारत का कहीं कोई जिक्र नहीं है, लेकिन 3 गुम्बदों वाली वो इमारत भी मस्जिद नहीं कही जा सकती है. मस्जिद में जिस तरह की चीजें की जरूरी होती हैं, वो उसमें नहीं थी. मीर बाकी नाम का कोई बाबर का कोई सेनापति नहीं था, इसलिए सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा गलत है
पीएन मिश्रा ने कोर्ट के सामने आगे कहा, विवादित इमारत बनवाने वाला कौन था, इस पर संदेह है. हो सकता है कि ये औरंगजेब के वक्त बना. इस मामले में शुक्रवार को भी सुनवाई जारी रहेगी और रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति के वकील पीएन मिश्रा अपनी दलील रखेंगे.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में राम जन्म भूमि को लेकर रोजाना सुनवाई चल रही है. इसी क्रम में 11वें दिन चीफ जस्टिस ने निर्मोही अखाड़े की ओर से दलील रख रहे सुशील जैन को हिदायत दी थी कि अब वो लिमिटेशन के बजाए केस की मेरिट पर बात करें. सुशील जैन ने कोर्ट से कहा कि वो विवादित ज़मीन पर मालिकाना हक का दावा नहीं कर रहे, सिर्फ पूजा-प्रबन्धन और कब्जे का अधिकार मांग रहे है. अयोध्या बहुत बड़ा है, पर प्रभु राम की तस्वीर सिर्फ रामजन्म भुमि में स्थापित की गई थी.