सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने योगी सरकार (Yogi Government) को यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के चैयरमैन ज़फर फारूकी को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा. ज़फर फारूकी ने मध्यस्थता पैनल के सदस्य श्रीराम पंचू को अपनी जान के खतरे की जानकारी दी थी. इसके बाद श्रीरामपंचू ने सीजेआई को खत लिखकर फ़ारूक़ी को खतरे के अंदेशे की जानकारी दी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फारूकी को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है.
बता दें कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का आखिरी दौर शुरू हो गया है. 17 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई खत्म हो जाएगी. सोमवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील धवन ने कहा कि वहां नमाज पढ़े जाने से रोके जाने से मुस्लिमों का दावा कमज़ोर नहीं हो जाता. मुस्लिम पक्ष का हमेशा से वहां दावा रहा है. अगर ऐसा न होता तो फिर हिंदू पक्ष को 1934 में एक गुम्बद को गिराने या फिर 1949 में जबरन मूर्ति रखे जाने की क्या ज़रूरत थी. हिंदू पक्ष ये भी साबित नहीं कर पाया कि भगवान राम अंदरुनी हिस्से में गुम्बद के नीचे पैदा हुए थे.धवन ने कहा कि बाबरी मस्जिद का विध्वंस करने के लिए रामजन्मभूमि न्यास का गठन किया गया.
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धवन ने कहा कि 1930 के बाद से वहां हिंदू पक्ष की ओर से जबरन कब्जे की कोशिश होती रही. कहा- मस्जिद को तबाह किया गया, विवादित जगह के अंदर जबरन घुसने की कोशिश की गई, खम्बों पर सिंदूर लगाए गए.
धवन ने कहा कि उन्होने पवित्र जगह का ऐसा अपमान क्यों किया. उन्हें मस्जिद के अंदर तस्वीरें टांगने का कोई हक़ नहीं था. धवन ने कहा कि एक मस्जिद हमेशा मस्जिद ही रहेगी. उसको धवस्त किये जाने से मस्जिद खत्म नहीं हो जाती, इमारत ढहाए जाने के बाद भी वो जगह मस्जिद ही है.
राजीव धवन ने कहा, 'आप बाबर के काम का फैसला किस कानून के हिसाब से करेंगे. सुप्रीम कोर्ट दोबारा इतिहास नहीं लिख सकता. तब बाबर शासक था. समय समय पर युद्ध हुए. सम्राट अशोक ने भी युद्ध लड़े.
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धवन ने अयोध्या सुनवाई के दौरान औरंगज़ेब को सबसे उदार शासकों में से एक बताया. कहा- हिंदुओं को इस्लामिक नियमों की सीमित समझ है. वो अपने हिसाब से तथ्यों को पेश कर रहे है. एक बार बनी मस्ज़िद किसी को नहीं दी जा सकती.
बता दें कि मुस्लिम पक्ष को आज ही अपनी दलील खत्म करनी है, जिसके बाद कल से हिंदू पक्ष जवाब देगा.