ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद भी अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ अगले कुछ दिनों के भीतर पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी में है. मौलाना अरशद मदनी की अगुवाई वाले जमीयत की ओर से जारी बयान के मुताबिक, याचिका का मसौदा तैयार हो गया है. सूत्रों का कहना है कि जमीयत की ओर से दो या तीन दिसंबर को याचिका दायर की जा सकती है.
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मौलाना अरशद मदनी ने कहा, 'पुनर्विचार याचिका दाखिल करके उनका इरादा देश में सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का बिल्कुल नहीं है. अदालत ने हमें जो हक दिया है पुनर्विचार विचार याचिका दाखिल करके, उस हक का हम इस्तेमाल कर रहे हैं.' इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि उसने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ दिसंबर के पहले सप्ताह में पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि एक सदी से भी पुराने बाबरी मस्जिद-राम जन्म भूमि मामले का उच्चतम न्यायालय ने 9 नवंबर को निपटारा कर दिया। इससे पहले, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने से मना कर दिया था. वहीं, अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट में चले ऐतिहासिक मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने बेहद विवादास्पद बयान दिया है.
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एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए राजीव धवन ने अयोध्या मसले पर सुप्रीम फैसले के संदर्भ में कहा कि भारत में रहने वाले मुस्लिमों के साथ अन्याय हुआ है. इसके साथ ही वह यह भी कह गए कि देश की शांति और सौहार्द्र को हमेशा हिंदू ही बिगाड़ता है. मुस्लिमों ने ऐसा काम कभी नहीं किया है. इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी जमकर निशाना साधा. जाहिर है इस बयान के बाद उनके खिलाफ प्रतिक्रयाओं की बाढ़ सी आ गई है. सुब्रमण्यम स्वामी ने तो उनके खिलाफ बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया तक जाने की बात कर दी है.
गौर करने वाली बात यह है कि बुधवार को ही अयोध्या मसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या मसले पर सुप्रीम फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात कही है. ऐसे में उनके ही वकील राजीव धवन का यह बयान खासा उकसावेपूर्ण और उत्तेजक माना जा रहा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में मु्स्लिम पक्ष की ओर से दलीलें रखने वाले राजीव धवन ने मामले की सुनवाई के दौरान भी कई विवादास्पद बातें कहीं. उन्होंने कई बार न सिर्फ भगवान श्री राम के अस्तित्व पर प्रश्न उठाया, बल्कि हिंदू महासभा द्वारा प्रस्तुत नक्शे तक को सुनवाई के दौरान फाड़ डाला था, जिसके खिलाफ हिंदू महासभा ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया में शिकायत तक की थी.