अयोध्या मामला: मुस्लिम पक्षकारों का किसी भी समझौते से इंकार, कहा- मध्यस्थता के जरिये हल संभव नहीं

इस मामले को लेकर मुस्लिम पक्षकारों ने बयान भी जारी किया है. उन्होंने कहा है कि अब मध्यस्थता के जरिये हल की कोई संभावना नहीं है

author-image
Aditi Sharma
एडिट
New Update
अयोध्या मामला: मुस्लिम पक्षकारों का किसी भी समझौते से इंकार, कहा- मध्यस्थता के जरिये हल संभव नहीं

राम मंदिर मामले में नया मोड़( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

अयोध्या राम मंदिर मामले में  नया मोड़ आया है. बताया जा रहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के अलावा बाकी मुस्लिम पक्षकार किसी समझौते को लेकर तैयार नहीं हैं. इस मामले को लेकर मुस्लिम पक्षकारों ने बयान भी जारी किया है. उन्होंने कहा है कि अब मध्यस्थता के जरिये हल की कोई संभावना नहीं है. समझौते के मसौदे को मध्यस्थता पैनल या फिर बाकी पक्षकारों ने जानबूझकर मीडिया को लीक किया.

दरअसल इस केस में सुन्नी वक्फ बोर्ड के अलावा छह और मुस्लिम पार्टियां हैं. आज उन मुस्लिम पक्षकारों ने एक बयान जारी कर कहा है कि सिर्फ सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन  ज़फ़र फारुकी , निर्वाणी अखाड़े के महंत धर्मदास, हिंदू महासभा के एक धड़े के प्रतिनिधि  चक्रपाणि ने ही मध्यस्थता में हिस्सा लिया था. लेकिन न तो हमें, न  बाकी मुख्य हिंदू पक्षकारों को मध्यस्थता मंज़ूर है. हमे मध्यस्थता पैनल के सदस्य श्रीराम पंचू और ज़फ़र फारूकी में आपसी तालमेल नज़र आ रहा है. जिस तरीके से सेटलमेंट प्रस्ताव की बातों का लीक किया गया, वो कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना है और सुनवाई के आखिरी दिन जिस तरह से लीक किया गया, वो भी अपने आप में सवाल खड़े करता है.

मुस्लिम पक्षकारों ने कहा है कि समझौते की शर्तें जो लीक हुई है, वह मंजूर नहीं.  मध्यस्थता की जो प्रक्रिया अपनायी गयी मंजूर नहीं. समझौते के लिए जमीन पर दावा वापस लेने की शर्त मंजूर नहीं.

वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो गई है और अब लोगों को फैसले का इंतजार है. फैसला लिखने को लेकर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई सहित पांच जजों ने गुरुवार को बैठक की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में चर्चा इस बात पर हुई कि समय कम है और जिम्मेदारी भी बड़ी है तो सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए समय से फैसला कैसे लिखा और सुनाया जाए. बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को किस रूप में लिया जाए.

यह भी पढ़ें: सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की महेंद्रगढ़ रैली (Mahendragarh Rally) रद्द, अब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) करेंगे संबोधित

मीटिंग के दौरान जजों ने मुकदमे में पक्षकारों के दावों और फैसले को लेकर अपने-अपने दृष्टिकोण को लेकर भी चर्चा की. बैठक में मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट और फैसले की रूपरेखा पर भी चर्चा हुई. बता दें कि मध्यस्थता समिति की सीलबंद रिपोर्ट बुधवार को पांचों जजों को मिली थी. सूत्रों के मुताबिक, मध्यस्थता समिति ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कुछ पक्षकारों के सुलह प्रस्तावों का भी ज़िक्र किया है.

यह भी पढ़ें: क्‍या विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में कांग्रेस (Congress) ने मान ली हार? चुनाव प्रचार से सोनिया-राहुल (Sonia Gandhi-Rahul Gandhi) क्‍यों पीछे खींचे पांव

वहीं, जजों की मीटिंग कई दौर में होगी.गुरुवार की मीटिंग से ये तय हो गया कि फैसला 17 नवंबर तक आ जाएगा. सूत्रों ने ये भी संकेत दिए हैं कि मुमकिन है 10 से 15 नवंबर के बीच ही फैसला आ जाए. बता दें कि अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ के सदस्य पांचों जजों ने आज अपने-अपने कोर्ट में सुनवाई नहीं की. उनके संबंधित कोर्ट रूम बंद हैं. बुधवार को जारी सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के मुताबिक चीफ जस्टिस, जस्टिस बोबड़े, जस्टिस डी.वाई चन्दचूड़, जस्टिस अशोक भूषष और जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने चैंबर में मीटिंग की.

Supreme Court Ayodhya Case mediation Barbri masjid case
Advertisment
Advertisment
Advertisment