अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील राजीव धवन एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पैरवी करेंगे. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की रविवार को आयोजित बैठक में तय किया गया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी. बोर्ड द्वारा एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पैरवी का जिम्मा राजीव धवन को सौंपा गया है.
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक हुई. बैठक में बोर्ड के की सदस्य शामिल हुए. इसमें तय किया गया कि बोर्ड द्वारा इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी. इसके साथ ही बोर्ड ने यह साफ कर दिया कि कोर्ट के 5 एकड़ जमीन दिए जाने फैसले को वह नहीं मानेंगे. जफरयाब जिलानी ने कहा कि कोर्ट के फैसले में कई खामियां देखते हुए हमने पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला किया है. हम बाबरी मस्जिद के लिए कोर्ट गए थे, ना कि मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन लेने के लिए.
कौन है राजीव धवन
अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की तरफ से वकील राजीव धवन सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं. राजीव धवन के पिता का नाम शांति स्वरूप धवन है जो न्यायधीश, यूके में भारत के राजदूत, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और लॉ कमिशन के सदस्य रह चुके हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा इलाहाबाद हाई स्कूल से और शेरवुड स्कूल नैनीताल से पूरी की है. वहीं उच्च शिक्षा उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कैंब्रिज विश्वविद्यालय और लंदन विश्वविद्यालय से की है.
राजीव धवन ने 1992 में वकालत करना शुरू किया था, उन्होंने कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के साथ वकालत का काम सीखा था. 1992 में मंडल कमीशन मामले और 1994 में अयोध्या मामले में राजीव धवन की बहस से प्रभावित होकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट का वरिष्ठ वकील नियुक्त किया गया था.
Source : कुलदीप सिंह