सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले पर सुनवाई के आखिरी दिन यानी बुधवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड के जमीन पर दावा छोड़ने का शपथनामा पेश करने की खबरों से सनसनी फैल गई. यहां तक कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वसीम रिजवी ने इसे ऐन मौके आई अक्ल करार देते हुए यहां तक कह डाला कि अयोध्या में अब राम मंदिर बनने से कोई नहीं रोक सकता. यह अलग बात है कि कुछ देर बाद ही मुख्य मुस्लिम पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने जमीन पर दावा छोड़ने के दावा को महज अफवाह करार दिया. उन्होंने दो-टूक कह दिया कि उनके मुवक्किल इकबाल अंसारी और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ऐसा कोई दावा नहीं किया है.
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शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड पहले ही छोड़ चुका है दावा
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बुधवार को ही स्पष्ट कर दिया कि बुधवार अयोध्या मसले पर सुनवाई का आखिरी दिन है. इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया जाएगा. ऐसे में बुधवार की सुबह यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने लगी की सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या पर जमीनी दावा छोड़ सकता है और इस बाबत मध्यस्थता पैनल को शपथनामा दे सकता है. गौरतलब है कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड पहले ही हिंदू-मुस्लिमों के बीच परस्पर प्रेम और सम्मान बढ़ाने की खातिर अयोध्या में जमीनी दावे को वापस लेने का शपथपत्र मध्यस्थता पैनल को सौंप चुके हैं.
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मुस्लिम पक्ष के एक वकील ने इसे अफवाह बताया
हालांकि मध्यस्थता की अटकलों पर विराम लगाते हुए अयोध्या केस के एक पक्षकार इकबाल अंसारी के वकील एमआर शमशाद ने स्पष्ट कहा कि विवादित जमीन पर दावा छोड़ने की बात अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि न तो उनके मुवक्किल ने और न ही सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा छोड़ने पर विचार किया है. इधर इकबाल अंसारी ने भी कहा, 'अगर सुन्नी वक्फ बोर्ड मध्यस्थता के लिए सामने आता है तो वह भी इससे पीछे नहीं हटेंगे.'
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वसीम रिजवी ने राम मंदिर पर दिया बेबाक बयान
इन अटकलों के बीच शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वसीम रिजवी ने एक बयान जारी कर कह दिया कि अयोध्या में अब राम मंदिर बनकर रहेगा. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस मसले पर फसाद चाहते हैं. इसे समझते हुए और हिंदू-मुस्लिमों के बीच सद्भाव बढ़ाने के लिए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड पहले ही जमीन पर अपना दावा छोड़ चुका है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी ऐन मौके अक्ल आ गई हो. वसीम रिजवी ने अपने बयान में यह भी कहा कि अगर फैसला राम मंदिर के पक्ष में नहीं आता है तो प्रधानमंत्री मोदी इस पर कानून बना राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेंगे. उन्होंने दोहराया कि अयोध्या में राम मंदिर अब बनकर रहेगा.
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हाईकोर्ट के 2010 पर आए फैसले पर हो रही सुनवाई
गौरतलब है कि इलाहाबाद कोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को विवादित 2.77 एकड़ जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ 14 याचिकाएं दायर की गईं थीं. शीर्ष अदालत ने मई 2011 में हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के साथ विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. फिरकभी रुक-रुक कर सुनवाई होती रही. हालांकि अब इन 14 अपीलों पर लगातार सुनवाई हो रही है, जिसका आज अंतिम दिन है.
HIGHLIGHTS
- अयोध्या पर सुनवाई के आखिरी दिन सुन्नी वक्फ बोर्ड के नाम पर फैली अफवाह.
- खबर फैली की कि सुन्नी वक्फ बोर्ड छोड़ सकता है अयोध्या जमीन पर दावा.
- शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड पहले ही छोड़ चुका है जमीन पर अपना दावा