अयोध्या जमीन विवाद का हल निकालने के लिए बनी मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट आज सुप्रीम कोर्ट में पेश होगी. 5 सदस्यीय संविधान पीठ रिपोर्ट देखकर तय करेगी कि मध्यस्थता की प्रक्रिया आगे जारी रहेगी या फिर नहीं. मध्यस्थता प्रक्रिया आगे जारी न रहने की स्थिति में 25 जुलाई से सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ रोजाना इस मसले की सुनवाई करेगी.
कुछ दिन पहले अयोध्या जमीन विवाद में पक्षकार गोपाल सिंह विशारद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 18 जुलाई को मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट तलब की थी. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट सकारात्मक रही तो मध्यस्थता जारी रहेगी, अन्यथा की स्थिति में इसे बंद कर दिया जाएगा और 25 जुलाई से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना इस मामले की सुनवाई होगी.
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गोपाल सिंह विशारद ने कहा था कि मध्यस्थता कमेटी से विवाद सुलझने के आसार बेहद कम हैं, क्योंकि इसमें तो सिर्फ समय बर्बाद हो रहा है, इसलिए कोर्ट को मध्यस्थता कमेटी खत्म कर स्वयं सुनवाई करके मामले का निस्तारण करना चाहिए.
69 सालों से विवाद, मध्यस्थता विफल?
गोपाल सिंह विशाद के वकील पीएस नरसिम्हा ने कोर्ट के सामने कहा था कि 69 सालों से विवाद अटका पड़ा है और मामले को हल करने के लिए शुरू की गई मध्यस्थता कमेटी का रुख सकारात्मक नजर नहीं आ रहा है. 11 संयुक्त सत्र के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है.
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सुप्रीम कोर्ट ने बनाई थी मध्यस्थता कमेटी
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए रिटायर्ड जज जस्टिस कलीफुल्ला की अध्यक्षता में मध्यस्थता कमेटी बनाई थी. कमेटी में श्रीराम पंचू, श्रीश्री रविशंकर भी शामिल किए गए थे.
HIGHLIGHTS
- मध्यस्थता से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो 25 जुलाई से नियमित सुनवाई
- पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने मध्यस्थत को लेकर उठाए थे सवाल
- सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बनाई थी मध्यस्थता कमेटी
Source : News Nation Bureau