मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के वंशज होने का दावा करने वाले प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी ने रविवार को कहा कि राम मंदिर निर्माण पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है अगर मंदिर बनता है तो सबसे पहला पत्थर हम रखेंगे। तूसी ने कहा, 'बाबर की वसीयत जो हमने बताई थी कि बाबर ने हुमायूं को लिखा था कि मीर बांकी जो उनके कमांडर थे जिन्होंने अयोध्या में जो हरकत थी उससे सारे तैमूर पर कलंक लग गया।'
हबीबुद्दीन तूसी ने कहा, 'बाबर ने हुमायूं को वसीयत में यह भी कहा था कि अगर हिंदुस्तान में हुकूमत करनी है तो संतों और महंतों का एहतराम करो, मंदिरों की हिफाजत करो और एक साथ न्याय करो।'
उन्होंने कहा, 'बाबर की वसीयत साबित कर सकती है कि मुगल कभी किसी धर्म को ठेस नहीं पहुंचाई। अब मीर बांकी ने किया था तो हमने तमाम जनता को अयोध्या में कहा कि इस विवाद को लेकर जो आज तक राजनीति चल रही है हम सारे हिंदू धर्मों से माफी चाहते हैं।'
तूसी ने कहा, 'दूसरी बात यह है कि जो छोटे-मोटे लीडर हैं जिन्हें अपने आपसे कोई लेना देना नहीं है। हैदराबाद में एक जोकर है जो सबसे बड़ा जोकर है ओवैसी, आप देख सकते हैं कि 20 साल में कहां से कहां पहुंच गया है। एक मुस्लिम पर्सनल लॉ है जिसे कोई लेना-देना नहीं है। यह टाइटल सूट है, मंदिर-मस्जिद का सवाल ही नहीं है। कोर्ट को हमनें यह कहा कि अगर बाबर की प्रॉपर्टी निकल रही है तो हमारे तरफ से कोई ऐतराज नहीं है।'
उन्होंने कहा कि 2002 में प्रिंस तूसी को कोर्ट ने बहादुर शाह जफर की वंशज मान लिया था। हमें मंदिर बनाने पर कोई आपत्ति नहीं है। हमनें यह भी कहा कि अगर मंदिर बनने जा रही है तो वहां सबसे पहली ईंट हम ही रखेंगे।
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बता दें कि इससे पहले कई बार शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी भी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर जोर दे चुके हैं। अयोध्या मामले में दूसरे पक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) को रिजवी ने आतंकी संगठन तक करार दे दिया था।
Source : News Nation Bureau