अयोध्या भूमि विवाद पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे ठीक पहले इस मामले में मूल पक्षकार इकबाल अंसारी और सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से कोर्ट में मामला उठाये जाने का विरोध किया है।
दोनों ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार को खत लिखकर शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है, 'सुब्रमण्यम स्वामी इस मामले में पक्षकार नहीं हैं, उनका इस केस से कोई लेना देना नही हैं। उन्होंने इस मसले में पार्टी बनने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी, जिस पर हमने ऐतराज जाहिर किया था।'
इकबाल अंसारी और वक़्फ़ बोर्ड के मुताबिक अदालत ने अभी तक स्वामी को पक्ष बनाने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया हैं, लेकिन इसके बावजूद पिछली बार स्वामी ने इसके असल पक्षकारों को सूचित किये बिना ही जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में ये मामला उठाया।
रजिस्ट्रार को लिखे ख़त में दोनों ने चीफ जस्टिस के संज्ञान में इस बात को लाये जाने की मांग की हैं, ताकि भविष्य में सुब्रमण्यम स्वामी ऐसा ना कर सके।
सुप्रीम कोर्ट में इस मसले की शुक्रवार को सुनवाई होगी। 21 मार्च को सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या भूमि विवाद पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।
इस पर कोर्ट ने कहा था कि इस तरह के संवेदनशील मसलों का हल आपसी सहमति से निकाला जाना बेहतर हैं और दोनों पक्षों को आपस में बातचीत के जरिये हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए।
चीफ जस्टिस ने कहा था कि अगर दोनों पक्ष चाहे तो वो खुद या सुप्रीम कोर्ट के दूसरे जज मध्यस्थता कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी को 31 मार्च तक सभी पार्टियों से बातचीत कर इस सुझाव के बारे में उनकी राय बताने को कहा था।
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Source : Arvind Singh