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सु्प्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले को लेकर बुधवार को सुनवाई के आखिरी दिन हिंदू पक्षकार और मुस्लिम पक्षकार में काफी नोंकझोंक हुई. कोर्ट में हाईवोल्टेज ड्रामा भी देखने को मिला. राजीव धव न ने हिंदू महासभा के वकील द्वारा प्रस्तावित भगवान रामजन्मस्थान का वास्तविक नक्शे को फाड़ दिया. बुधवार दोपहर 2 बजे बाद राजीव धवन ने दलीलें देना शुरू किया. उन्हें महज डेढ़ घंटा का वक्त दिया गया. राम जन्म स्थान को लेकर सटीक नक्शा तैयार किया गया है. यह नक्शा लंदन के एक संग्रहालय में रखा गया था. उसके आधार पर राम जन्म स्थान का नक्शा तैयार किया गया है.
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- मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने दलील देते हुए कहा कि धर्मदास ने सिर्फ यह साबित किया कि वो पुजारी है न कि गुरू, इसके अलावा हिन्दू महासभा की ओर से सरदार रविरंजन सिंह, विकाश सिंह, सतीजा और हरि शंकर जैन के सबूत दिए गए हैं. राजीव धवन ने इसके बाद कहा कि इसका अर्थ यह हुआ कि हिंदू महासभा 4 हिस्सों में बंट गया है.
- राजीव धवन ने कहा कि ये VIRAL हो गया है कि मैंने कोर्ट में नक्शा फाड़ दिया. लेकिन मैंने कोर्ट के आदेश पर नक्शा फाड़ा है. राजीव धवन ने कहा कि मैं इसे फेंकना चाहता हूं, इसके बाद मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने कहा कि तुम इसे फाड़ सकते हो.
- राजीव धवन ने अपनी दलील में कहा कि हम अपनी ज़मीन पर कब्जा वापस चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जिन कागजातों की बात हो रही है, उसके चार-चार मतलब हैं. राजीव धवन ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को जो नष्ट हुआ, वो हमारी प्रॉपर्टी थी.
- राजीव धवन ने कहा कि जमींदारी और दीवानी के ज़माने को देखें तो जमीन के मालिक को ही ग्रांट मिलती थी. राजीव धवन ने कहा कि इनकी दलील मूर्खतापूर्ण है क्योंकि इनको भूमि कानून की जानकारी नहीं है.
- राजीव धवन ने कहा कि यात्रियों की किताबों के अलावा इनके पास मालिकाना हक का कोई सबूत नहीं है. उन्होंने कहा कि इनकी विक्रमादित्य मन्दिर की बात मान भी लें तो भी ये रामजन्मभूमि मन्दिर की दलील से मेल नहीं खाता. उन्होंने कहा कि 1886 में फैज़ाबाद कोर्ट कह चुका था कि वहां हिन्दू मन्दिर का कोई सबूत नहीं मिला.
- राजीव धवन ने कहा कि अगर हिंदू पक्ष 1885 से टाइटल साबित करने में सक्षम हैं, तो मैं इसके जवाब में दो शताब्दियों से अधिक पहले से इस जगह का मालिक हूं.
- राजीव धवन ने कहा कि दोनों ओर कब्रिस्तान है. राजीव धवन ने कहा कि चबूतरा भी मस्जिद का हिस्सा है, सिर्फ इमारत ही नहीं बल्कि पूरी जगह ही मस्जिद का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि वो मस्जिद थी, हमारी थी और हमें पुनर्निर्माण का अधिकार है, इमारत भले ही ढहा दी गई लेकिन मालिकाना हक हमारा ही है.
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