सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद केस को मध्यस्थता के लिए भेज दिया है. मध्यस्थता की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से होगी और उसकी निगरानी भी सुप्रीम कोर्ट ही करेगा. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यों का पैनल गठित कर दिया है. इस पैनल की अध्यक्षता जस्टिस जस्टिस एफएम खलीफुल्ला करेंगे. एक हफ्ते में मध्यस्थता की प्रक्रिया फैजाबाद से शुरू करनी होगी. अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की ये 7 बड़ी बातें हैं.
- मध्यस्थता की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से होगी और उसकी निगरानी भी सुप्रीम कोर्ट ही करेगा.
- मध्यस्थता के लिए 3 लोगों का पैनल बनाया गया है और 8 हफ्ते में मध्यस्थता पूरी करनी होगी.
- 4 हफ्ते में मध्यस्थता की प्रगति रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देनी होगी.
- मध्यस्थता के लिए श्री श्री रविशंकर, श्रीराम पंचू और जस्टिस एफएम इब्राहिम खलीफुल्ला का नाम तय किया गया है.
- जस्टिस खलीफुल्ला मध्यस्थता पैनल की अध्यक्षता करेंगे.
- एक हफ्ते में मध्यस्थता की प्रक्रिया फैजाबाद से शुरू करनी होगी.
- मध्यस्थता की मीडिया रिपोर्टिंग से मना किया गया है.
- सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह मध्यस्थता के लिए बने पैनल के लोगों को पूरी सहूलियत उपलब्ध कराए. पैनल को जरूरत पड़ने पर विधिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी.
Source : News Nation Bureau