Ayodhya Ram Mandir Timeline : अयोध्या विवाद की शुरुआत बाबर के समय से हुई थी, जब उसने मंदिर को तोड़कर वहां एक मस्जिद का निर्माण करवाया. इसके बाद, यह विवाद देश की आजादी के पहले और बाद में भी चलता रहा, और इससे जुड़े विभिन्न मामलों और याचिकाओं के कारण इसे लेकर विवाद बना रहा. इस विवाद में कई लोगों की जान भी चली गई. यहां एक टाइमलाइन के माध्यम से देखते हैं कि रामलला टेंट से भव्य मंदिर में कैसे पहुंचें.
1949: इस पूरे विवाद में ये साल काफी अहम है, क्योंकि बाबरी मस्जिद के अंदर रामलला की मूर्ति मिली थी. दावा किया कि यह मूर्ति हिंदुओं ने ही रखी थी. इसे लेकर मुसलमानों में काफी नाराजगी थी, जिसके बाद सरकार ने मस्जिद को विवादास्पद घोषित कर दिया और उस पर ताला लगवा दिया.
1984: यह साल राम मंदिर निर्माण आंदोलन के लिए बेहद अहम था, क्योंकि इसी साल राम जन्मभूमि मुक्ति समिति का गठन हुआ था. विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में बनी समिति ने राम मंदिर निर्माण के लिए अभियान शुरू किया.
1990: तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली. अक्टूबर में जब वह बिहार पहुंचे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, तब तक उनके साथ आए कारसेवक अयोध्या पहुंच चुके थे.
1990: हजारों की संख्या में कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे. अक्टूबर महीने में अयोध्या में माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था, क्योंकि कार सेवकों ने मस्जिद पर चढ़कर झंडा फहरा दिया था. हालात पर काबू पाने के लिए फायरिंग करनी पड़ी.
2002: इसी साल फरवरी में हिंदू कार्यकर्ता ट्रेन से गोधरा लौट रहे थे, जिस पर हमला हुआ और 58 लोगों की मौत हो गई. 15 मार्च को विश्व हिंदू परिषद की ओर से मंदिर निर्माण की घोषणा की गई थी. इसके तहत सैकड़ों हिंदू कार्यकर्ताओं की भीड़ अयोध्या में इकट्ठा हुई.
2017: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस विवाद को हिंदू-मुस्लिम पक्ष आपसी सहमति से सुलझा सकते हैं. इसके अलावा बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत कई बीजेपी और आरएसएस नेताओं पर मुकदमा चलाने के आदेश दिए गए.
2019: जब अगस्त महीने तक दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ तो सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई. अयोध्या मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को पूरी हुई थी और कोर्ट ने नवंबर में अपना फैसला सुनाया था.
2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी. ऐसे में राम भक्तों को एक उम्मीद जग गई कि जल्द ही रामलला टेंट से बाहर आएंगे और भव्य मंदिर में विराजमान होंगे.
2024: 22 जनवरी को भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए तो दुनिया भर के सनातनी लोगों में एक अलग ही खुशी देखी गई.
Source : News Nation Bureau