अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गठित ट्रस्ट की 19 फरवरी को अहम बैठक है. इस बैठक में मंदिर निर्माण के अलावा जमीन के विस्तार को लेकर भी फैसला हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में राम मंदिर बनाने के साथ ही ट्रस्ट बृहद राम कॉम्प्लेक्स बनाने पर भी विचार करेगी. इस बैठक में ट्रस्ट मंदिर के लिए और जमीन लेने पर विचार कर सकती है जिससे मंदिर का कैंपस सरयू नहीं तक पहुंच सके. इस बैठक में अयोध्या के मास्टर प्लान पर भी विचार किया जा सकता है.
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25 मार्च से 8 अप्रैल के बीच भूमि पूजन
ट्रस्ट सूत्रों के मुताबिक राम मंदिर से भूमि पूजन 25 मार्च से 8 अप्रैल की बीच किया जा सकता है. हालांकि निर्माण कार्य शुरू होने में कुछ समय लग सकता है. ट्रस्ट अपने गठन के बाद से बी मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर चुका है. ट्रस्ट पूरे जमीन की पैमाइश कराने उसका समतलीकरण कराने के साथ-साथ मंदिर निर्माण स्थल की मिट्टी जांच कराने के लिए भूगर्भ शास्त्रियों की राय लेने और वास्तु शास्त्रियों से राय लेने की अपनी प्रक्रिया शुरू कर चुका है. ट्रस्ट के सदस्य अलग-अलग जगहों पर वकीलों, भूगर्भ शास्त्रियों, आर्किटेक्ट और सिविल इंजीनियर से मंदिर निर्माण के संबंध में राय लेने में जुट गए हैं. मंदिर निर्माण का जिम्मा किस कंपनी को सौंपा जाए इस पर भी ट्रस्ट की पहली बैठक में फैसला हो सकता है.
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मंदिर के मॉडल पर होगा फैसला
दरअसल ट्रस्ट चाहता है कि मंदिर का निर्माण भव्य रूप से किया जाए. हालांकि फिलहाल जो मॉडल है वह छोटा है. ऐसे में ट्रस्ट चाहता है कि मंदिर विशाल भी बने लेकिन मॉडल में भी कोई बदलाव न किया जाए. ऐसे में सबसे पहले ट्रस्ट मंदिर निर्माण की तिथि को तय करेगा और जो मॉडल राम मंदिर का है उसी को और कितना विशाल और भव्य बनाया जा सकता है, इस पर ट्रस्ट निर्णय करेगा.
रामलाल विराजमान पर होगा फैसला
राम मंदिर निर्माण शुरू करने से पहले रामलला विराजमान को विस्थापित कर कहां रखा जाए इस पहलू पर विचार करेगा. मौजूदा समय में जो सुरक्षा है उस सुरक्षा को क्या बहाल रखा जाए या उसको बदला जाए इस पर ट्रस्ट निर्णय करेगा. ट्रस्ट इस बात पर भी विचार करेगा कि राम मंदिर के पूरे निर्माण को कैसे भव्य बनाया जाए. ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल का कहना है कि इतने सारे काम हैं कि एक बैठक में सभी निर्णय नहीं हो सकते.
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शाम 5 बजे होगी बैठक
ट्रस्ट की पहली बैठक 19 फरवरी को शाम 5 बजे होगी. बैठक से पहले ट्रस्ट कानूनी और तकनीकी राय लेने में जुटा हुआ है. इसमें ट्रस्ट का साथ विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई वरिष्ठ नेता दे रहे हैं. ट्रस्ट अपनी पहली बैठक में कानूनी पहलुओं पर विचार करेगा. खासतौर पर ट्रस्ट को सौंपी गई जमीन और उससे संबंधित कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए निर्णय लेगा. बैठक में और दो लोगों को ट्रस्ट में शामिल किए जाने के कानूनी पक्ष पर विचार होगा.
Source : News Nation Bureau