सालों से चले आ रहे अयोध्या विवाद पर देश की सर्वोच्च अदालत ने आज फैसला सुना दिया. इसके बाद इंतजार किया जा रहा था कि असदुद्दीन ओवैसी इस बारे में क्या कहते हैं. दोपहर होते होते उनका बयान भी सामने आ ही गया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है, लेकिन दोषरहित नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि वह फैसले से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें संविधान पर भरोसा है. बोले कि हम अपने हक के लिए लड़ रहे थे. हमें दान की पांच एकड़ जमीन की जरूरत नहीं है. इस प्रस्ताव को हमें अस्वीकार नहीं करना चाहिए.
Asaduddin Owaisi: Not satisfied with the verdict. Supreme Court is indeed supreme but not infallible. We have full faith in the constitution, we were fighting for our right, we don't need 5 acre land as donation. We should reject this 5 acre land offer, don't patronize us. pic.twitter.com/wKXYx6Mo5Q
— ANI (@ANI) November 9, 2019
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद नहीं गिरी होती तो कोर्ट का फैसला क्या आता. बोले कि छह दिसंबर के दिन क्या हुआ था, इसे हम अपनी आने वाली नस्लों को बताएंगे कि छह दिसंबर को अयोध्या में क्या हुआ था. बोले कि छह दिसंबर का मामला मुसलमानों का मुद्दा नहीं है. यह भारत का मामला है. बोले कि हमें मस्जिद के लिए दान की जमीन की जरूरत नहीं है, हम मस्जिद के लिए जमीन खरीद सकते हैं.
असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भी आज अपना असली रंग दिखा दिया है. कांग्रेस पार्टी पाखंडी और धोखेबाजों की पार्टी है. कहा कि अगर 1949 में मूर्तियों को नहीं रखा गया होता और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ताले नहजीं खुलवाए होते तेा मस्जिद अभी भी होती. वहीं नरसिम्हा राव ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया होता तो मस्जिद अभी भी होती.
A Owaisi: Congress has shown their true colours,but for Congress party's deceitness&hypocrisy,idols would not have been placed in 1949, had the locks not opened by Rajiv Gandhi the masjid would still be there,had Narasimha Rao discharged his duties the masjid would still be there https://t.co/pOg4RJgaGo pic.twitter.com/FSpOkcwjHl
— ANI (@ANI) November 9, 2019
ओवैसी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि जिन लोगों ने बाबरी मस्जिद गिराई, उन्हीं को कोर्ट ने ट्रस्ट बनाने और मंदिर निर्माण का जिम्मा सौंप दिया है. इससे साफ लगा रहा है कि यह देश अब हिंदू राष्ट्र की ओर आगे बढ़ रहा है. अब वे काशी और मथुरा पर भीअपना दावा ठोकेंगे. कहा कि राष्ट्रपति महत्मा गांधी के हत्यारों को वे कैसे भूल सकते हैं.
AIMIM मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, वह वकीलों की टीम को धन्यवाद देता हैं, साथ ही वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस बात से सहमत हूं कि सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है, लेकिन वह दोषरहित नहीं है यानी अचूक नहीं है. बोले कि मुस्लिम समाज ने अपने वैधानिक हक के लिए संघर्ष किया. हमें किसी भी तरह की खैरात की जरूरत नहीं है.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं. भारत के नागरिक होने के नाते मेरा अधिकार है कि मैं कोर्ट के फैसले से असंतुष्टि जताऊं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इस देश में हमें बोलने की आजादी नहीं है. क्या यह बोलकर मैं कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं. ओवैसी ने कहा कि मैं अपनी निजी घर का सौदा कर सकता हूं, मगर मस्जिद की जमीन का सौदा नहीं कर सकता हूं.
इस बीच सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देशभर, खासकर अयोध्या में सुरक्षा स्थिति की जानकारी ली. केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने शाह और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को देशभर में सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया. गौबा बंगाल की खाड़ी में भयावह तूफान बुलबुल के लिए जरूरी राहत एवं बचाव अभियान की तैयारी के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक की भी अध्यक्षता कर रहे हैं. बुलबुल से पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों के प्रभावित होने की संभावना है.
वहीं दूसरी ओर अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि वह राम मंदिर के निर्माण की पक्षधर है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि अब इस फैसले से आस्था के नाम पर राजनीति करने वालों के लिए दरवाजे हमेशा लिए बंद हो गए हैं. कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि पार्टी इस फैसले का सम्मान करती है और अब सभी को शांति एवं सौहार्द सुनिश्चित करना चाहिए.
बैठक के बाद सुरजेवाला ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, निर्णय आ चुका है. कांग्रेस भगवान राम के मंदिर के निर्माण की पक्षधर है.
Source : News Nation Bureau